मंडला। जरूरी नहीं कि समाज सेवा के लिए समाजसेवी बनना जरूरी है. सेवा भाव हो तो प्रोफेशन के जरिए भी समाज सेवा की जा सकती है. इस बात का सटीक उदाहरण हैं रश्मि वर्मा, जिन्होंने प्रोफेशन के साथ-समाज सेवा के नए आयाम लिखे हैं. विश्व महिला दिवस पर ईटीवी भारत आपको कुशल आहार विशेषज्ञ रश्मि वर्मा से रूबरू कराने जा रहा है, जिन्होंने कुपोषण जैसी गंभीर समस्या को मिटाने की मुहिम छेड़ दी.
रश्मि वर्मा अब तक 4 हजार से अधिक बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिला चुकी हैं. रश्मि वर्मा शुरू से ही इस क्षेत्र में कुछ करना चाहती थीं. लिहाजा उन्होंने पढ़ाई को हथियार बनाया और कुशल आहार विशेषज्ञ बन गईं और आदिवासी अचंल मंडला के नौनिहालों को कुपोषण के कंलक से बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं.