झाबुआ। गोरक्षा के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से कई कदम उठाए जा रहे हैं. लेकिन शहर के युवाओं ने बिना किसी सरकारी सहायता के गोरक्षा के लिए सद्गुरु गौशाला शुरु की. इस गौशाला में सैकड़ों गाय और बछड़ों की सेवा की जा रही है.
सैकड़ों गायों का सहारा बनी ये गौशाला, बिना सरकारी सहायता होता है इसका संचालन - MP
शहर के युवाओं ने गोरक्षा के लिए 8 साल पहले सद्गुरु गौशाला शुरु की थी. इस गौशाला में सैकड़ों गाय और बछड़ों की सेवा की जा रही है.इस गौशाला की व्यवस्थाओं के संचालन के लिए आम लोगों से सहयोग लिया जाता है. यह सहयोग 1 रुपए से शुरू होता है.
युवाओं ने 8 साल पहले इस गौशाला को शुरु किया था. इस गौशाला की व्यवस्थाओं के संचालन के लिए आम लोगों से सहयोग लिया जाता है. यह सहयोग 1 रुपए से शुरू होता है. समिति के सदस्य टीटू भगत ग्रामों में लगने वाले हाट बाजारों में दानपात्र लेकर निकलते हैं. लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार धनराशि इस डिब्बे में डालते हैं. इस राशि का उपयोग गायों के आहार और उनकी व्यवस्थाओं के लिए होता है.
शहर में कोई बीमार या दुर्घटनाग्रस्त गाय या नंदी दिखाई देता है तो उसे इस गौशाला में लाया जाता है. इसमें बूचड़खाने में कटने जा रही गायों को सहारा दिया जाता है. यहां 3 पशु चिकित्सक अपनी सेवाएं नियमित रूप से देते हैं. भीषण गर्मी के चलते इन दिनों गोशाला में जंबो कूलर और पंखे लगाए गए हैं. छांव के लिए स्थाई शेड के साथ-साथ अस्थाई रूप से टेंट भी लगाया गया है. इसके साथ ही पानी का भी इंतजाम किया गया है. इसके बावजूद सरकार की तरफ से इस गौशाला को कोई सहायता नहीं दी जा रही है.