मंडला। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान डॉक्टर, पुलिस और पंचायत विभाग के अधिकारी-कर्मचारी दिन-रात अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. अब तक देश में कई कोरोना योद्धा अपना कर्तव्य निभाते हुए जान गंवा चुके हैं. ऐसी ही एक घटना मंडला जिले के बीजाडांडी ब्लॉक में भी हुई, जहां कर्तव्य पालन करते हुए ग्राम पंचायत जमुनिया के सहायक सचिव राजेश यादव ने अपनी जान गंवा दी.
कोरोना योद्धा ने रास्ते में तोड़ा दम जबलपुर मेडिकल कॉलेज ले जाते समय हुई मौत
राजेश यादव पिछले दो महीने से लगातर जिले के डोभी चेकपोस्ट पर प्रवासी मजदूरों के भोजन की व्यवस्था करने में लगे हुए थे, वे अब तक चेकपोस्ट से गुजरने वाले हजारों प्रवासी मजदूरों को खाना खिला चुके थे. मृत्यु वाले दिन भी रोजाना की तरह वे अपने कर्तव्य पालन हेतु डोभी चेकपोस्ट गए थे. इस दौरान अचानक उनकी तबियत खराब हो गई और आनन-फानन में उनके साथी जबलपुर के बीड़ी साहू अस्पताल ले गए. लेकिन वहां डॉक्टरों ने कुछ देर बाद जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया और मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले ही राजेश ने रास्ते में दम तोड़ दिया.
राजेश की पत्नी को अनुकम्पा पर मिले नियुक्ति
राजेश की मृत्यु के बारे में जनपद पंचायत बीजाडांडी के प्रभारी उपेंद्र सिंह ठाकुर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मृत्यु वाले दिन भी राजेश रोजाना की तरह अपने कर्तव्य पालन लिए जिला प्रशासन द्वारा बनाये गए चेकपोस्ट पर गए थे. उसी दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई और इलाज के लिए ले जाते वक्त उन्होंने रास्ते में दम तोड़ दिया. राजेश अपने पीछे पत्नी और दो वर्षीय बेटे को छोड़ गए हैं. इसलिए क्षेत्र की जनता और साथी कर्मचारियों ने राजेश की पत्नी के लिए अनुकम्पा पर नियुक्ति और कोरोना योद्धा का लाभ दिलाने की मांग की है.