मंडला।कहते हैं कि यदि इंसान ठोस इरादा कर ले तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं होता, ऐसा ही कर दिखाया है मंडला में रहने वाली मृदुला काल्पिवार ने जिन्होंने ना केवल देश बल्कि दूसरे देशों में भी मंडला को ख्याति दिलाई है. मृदुला काल्पिवार ने मंडला में काले ग्रेनाइट पत्थर बनाने की फैक्ट्री लगाई है, जिससे जिले के कई कारीगरों को रोजगार मिला है, वहीं यहां के काले ग्रेनाइट पत्थर की मांग कई देशों में भी है.
वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद मृदुला के मन में कुछ अलग ही करने की चाहत थी और इसे पूरा करने के लिए मृदुला ने अपने पति के साथ मिलकर जमीन की खरीद-फरोख्त में हाथ आजमाया और प्रॉपर्टी के काम में उन्हें अपेक्षित सफलता भी मिली, जिसके बाद एक बैंकिंग कंपनी की शुरुआत हुई, जिसका अगला पड़ाव था डोलोमाइट की खदान.
यहां भी काल्पिवार दंपत्ति ने छत्तीसगढ़ में वो साख बनाई कि इनकी खदान का डोलोमाइट हाथों हाथ लिया जाने लगा, लेकिन इनकी मंजिल कुछ और थी. जिस तरफ बढ़ते हुए मृदुला काल्पिवार ने सीधी जिले के मझौली में ग्रेनाइट की एक जमीन खरीदी. जहां से निकलने वाले पत्थर को पहले राजस्थान में रिफाइन करने के लिए भेजा जाता था, लेकिन मंडला जिले के लिए कुछ करने की चाह और जिले को रोजगार मुहैया कराने की सोच के चलते मृदुला काल्पिवार ने मंडला में ही एक कारखाना शुरू कर दिया.
क्या है कारखाने की खासियत
मंडला के इस कारखाने में सीधी से आने वाले बड़े-बड़े पत्थरों को काटा जाता है, फिर इसे फिनिशिंग दी जाती है. इस कारखाने में अत्याधुनिक मशीनें हैं, जो पूरे देश में कुछ ही संख्या में होंगी और इन ऑटोमेटिक मशीनों के कारीगर भी दूसरे प्रदेश में ग्रेनाइट तराशने के एक्सपर्ट रह चुक हैं.