मंडला। मोगली का पात्र सिवनी जिले से जुड़ा है और यहां मोगली लैंड भी है, इन कहानियों से जुड़ा एक और खास पात्र था बघीरा जिसके दिखाई देने की बात पहले भी होती रही हैं, लेकिन इस बार बघीरा या काला तेंदुआ साफ नजर आया जो पेंच नेशनल पार्क के लिए बहुत ही खास बात है.
दरअसल, जंगल बुक का एक पात्र बघीरा जो काला तेंदुआ था जो चीन, दक्षिण अफ्रीका और जावा में तो पाया जाता है. लेकिन देश के कुछ हिस्से में बहुत कम ही दिखा है. पेंच नेशनल पार्क में इसे कभी देखा नहीं गया. हालांकि इसके दिखने की बात कभी कभी जरूर सामने आती रही है, यह तेंदुए से कोई अलग प्रजाति तो नहीं है, लेकिन जैनेटिक म्यूटेशन के चलते इनका रंग काला हो जाता है, और यह घने और नमी वाले जंगलों में ही पाए जाते हैं, जो पेंच में दिखा है और इसके वीडियो भी बनाए गए. पेंच नेशनल पार्क के इसका होना इसलिए अहम है क्योंकि मोगली का बचपन इन्ही जंगलों में बीता था, जिसके सभी पात्र और साथी इसी जंगल की कल्पनाओं में आज भी जिंदा हैं.