मंडला।जिले के बीजाडंडी क्षेत्र में एक हाथी ने दो ग्रामीणों पर हमला कर दिया. घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि यह वही हाथी है जिसके एक साथी की मौत जबलपुर के बरगी परिक्षेत्र में करंट लगने से हो गई थी. अपनी साथी की मौत से नाराज हाथी ग्रामीणों पर हमला कर रहा है. घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग ने हाथी का रेस्क्यू शुरू कर दिया है.
हाथी को पकड़ने के लिए रेस्क्यू तेज
क्षेत्र अधिकारी स्वाति यादव का कहना है कि हाथियों की सूचना मिलते ही पिछले कई दिनों से जंगलो की सर्चिंग कर रहें और आस पास के ग्रामों में भी मुनादी करा दी है. हाथी को किसी भी तरह पकड़ने की कोशिश की जा रही है. ड्रोन कैमरे से भी हाथी पर नजर रखी जा रही है. वहीं कोशिश की जा रही है कि जैसे ही हाथी मिले तो उसे पकड़ लिया जाए. दूसरी तरफ इसके रेस्क्यू के लिए कान्हा पार्क के हाथियों की मदद पर भी विचार किया जा रहा है. इसके अलावा ग्रामीणों को सावधानी रखने की अपील की गई है.
बिजली के तारों में फंसी थी हाथी की सूंड, कई घंटे तड़पने के बाद मुंह के बल नीचे गिरा और तोड़ दिया दम
वन विभाग को लीगल नोटिस
जबलपुर में बीते दिनों बरगी के मोहस गांव में करंट से हाथी की मौत के मामले में नागरिक उपभोक्ता मंच ने वन विभाग के प्रमुख सचिव को लीगल नोटिस दिया है. नागरिक उपभोक्ता मंच ने अपने लीगल नोटिस में कहा है कि एनजीटी के आदेश के मद्देनजर, हाथी की मौत के लिए जिम्मेदार अफसरों से पर्यावरण मुआवजा वसूला जाए. साथ ही लीगल नोटिस में प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के आस पास घूम रहे 40 जंगली हाथियों को सुरक्षा दिए जाने की मांग की गई है.
48 घंटे में नहीं दिया जवाब, तो एनजीटी में दायर की जाएगी याचिका
नागरिक उपभोक्ता मंच ने अपने लीगल नोटिस में कहा गया है कि अगर वन विभाग ने दो दिनों में जुर्माना वसूली और हाथियों को सुरक्षा देने की कार्रवाई नहीं करता है, तो मामले में एनजीटी में याचिका दायर की जाएगी.
नोटिस में केरल और असम की घटना का भी दिया गया हवाला
वन विभाग को नोटिस देने वाले जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मंच का कहना है कि केरल में गर्भवती हथिनी की मौत और असम में हाथियों के शिकार के मामले में एनजीटी ने लापरवाह अफसरों से पर्यावरण मुआवज़ा वसूलने और हाथियों की सुरक्षा का विस्तृत आदेश दिया था जिसका पालन मध्यप्रदेश में नहीं किया जा रहा है।
ओडिशा से आए थे दोनों हाथी