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नर्मदा के निर्मल और निखरे रंग, ETV भारत पर देखिए सहस्त्रधारा का सौंदर्य

मंडला में भी नर्मदा नदी में लॉकडाउन का अच्छा असर हुआ है. प्रसिद्ध सहस्त्रधारा घाट पर भी नर्मदा नदी का पानी बेहद साफ हो गया है. जिसकी पुष्टि खुद मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने की है. नर्मदा घाट पर सुबह और शाम का नजारा बेहद खूबसूरत दिख रहा है.

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Published : May 6, 2020, 12:02 PM IST

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सहस्त्रधारा का सौंदर्य

मंडला।लॉकडाउन का सबसे ज्यादा अच्छा असर प्रदेश की जीवनदायिनी कहे जाने वाली नर्मदा नदी पर हुआ है. नमामि देवी नर्मदे के इस अंक में आज हम आपको मंडला जिले से बहने वाली नर्मदा के अनोखें रुप से दर्शन कराएंगे. जहां सहस्त्रधारा का सौंदर्य देखते ही बन रहा है. नर्मदा के पानी इतना साफ हो गया है कि घाटों की जो सीढ़ियां कभी नजर नहीं आती थी वो अब दिखाई दे रही हैं.

सहस्त्रधारा का सौंदर्य

नर्मदा के पानी में आकाश का प्रतिबिंब इतना साफ दिखाई देता है जैसे किसी ने आईने लगा दिए हों. लॉकडाउन के चलते नर्मदा के घाटों पर सन्नाटा तो पसरा है. धार्मिक आयोजन बंद है, लेकिन इस लॉकडाउन में प्रकृति ने नर्मदा की सुंदरता में चार चांद लगा दिए हैं.

मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने की 13 जगहों पर पानी की जांच

मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले दिनों बरगी, जमतरा, लालपुर, तिलवारा और पंचवटी घाट सहित नर्मदा के 13 घाटों से पानी के सैंपल लेकर जांच की थी. जिसमें नर्मदा का पानी बेहद साफ और शुद्ध पाया गया.

शाम के वक्त नर्मदा का नजारा
नर्मदा का सुंदर दृश्य

मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की माने तो लॉकाडाउन के चलते कारखाने और फैक्ट्रियां पूरी तरह से बंद है. जिनसे निकलने वाला केमिकल फिलहाल नर्मदा में नहीं मिल रहा. तो लॉकडाउन के चलते घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ भी नहीं जुट रही जिससे पानी में गंदगी नहीं मिल रही

लॉकडाउन में घटी टीडीएस की मात्रा

एक महीने से भी ज्यादा के लॉकडाउन के चलते नर्मदा जल से टीडीएस, टोटल डिजॉल्व सॉलिड्स की मात्रा घटी है, पानी में अकार्बनिक पदार्थ कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सोडियम, क्लोराइड और सल्फेट्स के साथ ही कार्बनिक पदार्थ होते हैं, इनकी निश्चित मात्रा पानी में होना स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है. लेकिन जब ये ज्यादा होते हैं तो स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं. नर्मदा में बढ़ते प्रदूषण के चलते इनकी मात्रा पानी में बढ़ गई थी. लेकिन लॉकडाउन में इन सभी अपशिष्ट पदार्थों में 40 प्रतिशत तक घटी है जो पानी के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है.

नर्मदा नदी पर बने पुल से सुंदर नजारा
नर्मदा का पानी हुआ बेहद साफ

जैविक ऑक्सीजन की मात्रा कम

पानी में यदि जैविक ऑक्सीजन की बात की जाए तो पीने योग्य पानी में तीन मिलीग्राम जैविक ऑक्सीजन कम से कम होनी चाहिए.वर्तमान में बीओडी कई स्थान पर एक से भी कम पाई गई हैं. आलम ये है कि इतने कम बीओडी में नर्मदा के जल में मछलियों की संख्या में तो इजाफा हुआ ही है. जबकि नर्मदा के जल को सिरोही किया जा सकता है, जिसमें मछलियों के साथ-साथ अन्य जलीय जंतु भी खुलकर सांस ले रहे हैं.

सहस्त्रधारा

मंडला में नर्मदा के रपटा घाट में आने वाले लोगों का कहना है, उन्होंने इतना निर्मल नर्मदा का नीर कभी नहीं देखा. लॉकडाउन में नर्मदा साफ और स्वच्छ हो गई है. जरूरत है कि यह स्वच्छता और शुद्धता बरकार रहे. जिसके लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए और लोगों को जागरूकता का परिचय देना होगा.

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