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पंचायत में अनियमितताओं की जांच की रफ्तार बढ़ाने के लिए कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

खरगोन जिले की ग्राम पंचायत सुलगांव के ग्रामीणों ने सोमवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में ग्रामीणों ने सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए उन्हें निलंबित करने की मांग की है.

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Published : Aug 12, 2020, 9:16 PM IST

Villagers submitted memorandum to the collector
ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

खरगोन। महेश्वर तहसील की ग्राम पंचायत सुलगांव में ग्रामीणों ने सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा हैं. ज्ञापन में ग्रामीणों ने सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक को हटाने की मांग की है.

दरअसल जिले के सुलगांव में ग्रामीणों ने सचिव चंद्रपाल सिंह ठाकुर, रोजगार सहायक सुनीता खेड़े और सरपंच सकुबाई पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी. 28 जुलाई को जिला पंचायत सीईओ ने जांच दल गठित कर जांच के आदेश दिए थे. जांच दल के अधिकारी आरईएस के ईई जेसी पवार, पीओ मनरेगा एस के रघुवंशी और पंचायत निरीक्षक ओमप्रकाश जाट ने ग्रामीणों की शिकायत के विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर पंचायत के भुगतान संबंधी कागजात जब्त किए थे. जिसको 15 दिन बीत चुके है लेकिन, कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए हैं.

ग्रामीणों ने कलेक्टर को पंचायत में हुई वित्तीय अनियमिततओं की जांच में तेजी लाने को लेकर आवेदन दिया. आवेदन में ग्रामीणों ने पंचायत सचिव, रोजगार सहायक और सरपंच को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि इनके पद पर बने रहने से जांच प्रभावित होने की आशंका है.

पंचायत के भुगतान में घपला

ग्रामीणों ने अपनी शिकायत के आधार पर पंचायत द्वारा गत दो वित्तीय वर्ष में किए गए बड़े भुगतान पर आशंका जताई थी. ग्रामीणों ने बताया कि दिनेश पिता हरिराम पाटीदार को तकरीबन 15 लाख और वासुदेव पिता हरिराम पाटीदार को तकरीबन साढ़े 3 लाख का भुगतान फर्जी बिलों के माध्यम से किया गया है. धरगांव स्थित निजी फर्म के मालिक सुखमचंद लक्ष्मण को 8 लाख, कपूरचंद लक्ष्मण को 5 लाख, भारत सिंह पिता कालू जो पंच है, उन्हें भी 95 हजार और सरपंच के दो रिश्तेदारों 6 लाख का भुगतान किया गया है. इसके अलावा 7 से अधिक व्यक्तिगत खातों में कुल 45 लाख के भुगतान पर ग्रामीण शिकायतकर्ताओं ने आपत्ति दर्ज की थी.

एक-दूसरे का हवाला देते रहे जांच अधिकारी

जांच दल में आरईएस के ईई जेसी पवार, पीओ मनरेगा एस के रघुवंशी और पंचायत निरीक्षक ओमप्रकाश जाट से जब जांच संबंधी चर्चा की गई तो तीनों ने अनियमितता की शिकायत से संबंधित बयानों का हवाला देते आगामी 8 दिनों में जांच रिपोर्ट जिला पंचायत सीईओ को सौंपने की बात कही. साथ ही तीनों अधिकारियों ने एकदूसरे का हवाला देते नजर आए.

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