खरगोन। ग्लोबल वार्मिंग से जूझती धरती को बचाने के लिए पेड़-पौधों और जंगल को सहेजना बहुत जरूरी है. जिस पर अमल करते हुए खरगोन जिले में जापानी तकनीक वाली मियावाकी पद्धति के जरिए पौधरोपण किया जा रहा है.
नगर पालिका के नव ग्रह मेला ग्राउंड पर जिले में वनों को बढ़ाने के लिए कलेक्टर गोपाल चन्द्र डाड़ ने त्रिवेणी रोपकर 'मियावाकी पद्धति' को हरी झंडी दिखाई. शुरूआत में 25 हजार पौधे लगाए जा रहे हैं. इस पद्धति में 100 वर्ग मीटर में 700 से 800 पौधे त्रिवेणी क्रम में लगाए जाते हैं. जिसमें सबसे पहले छोटा फिर मध्यम और फिर बड़ा पौधा रोपा जाता है, इस तकनीक से पौधे तीन गुना तेजी से वृद्धि करते हैं.
'मियावाकी तकनीक' से ग्लोबल वार्मिंग को चुनौती देने की तैयारी, पौधरोपण शुरू - जापानी तकनीक
एक साल में तीन साल और तीन साल में दस साल की ग्रोथ वाली मियावाकी पद्धति से ग्लोबल वार्मिंग से निपटने की तैयारी की जा रही है. इसी पद्धति के जरिए खरगोन में पौधरोपड़ शुरू किया गया है.
ग्लोबल वार्मिंग को चुनौती देने की तैयारी
मियावाकी पद्धति के जरिए कम जगह में ज्यादा प्लांट लगा सकते हैं. ईटीवी भारत ने सबसे पहले इस पद्धति के बारे में खबर प्रकाशित की थी.