खरगोन। देश के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश हो रही है, वहीं मानसून मध्य प्रदेश से रूठा-रूठा सा नजर आ रहा है. पिछले साल की तुलना में इस साल सौ मिलीमीटर बारिश कम हुई है. इससे किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए कई जतन करने पड़ रहे हैं. वहीं बारिश नहीं होने से फसलों को कीड़े भी खा रहे हैं. ऐसे में किसानों का कहना है कि 2-3 दिनों में बारिश नहीं होती है, तो सोयाबीन और मक्के की फसल को उखाड़ना पड़ेगा.
मौसम की बेरूखी से किसान परेशान, सोयाबीन और मक्के की फसल सूखने की कगार पर
जिले में बारिश नहीं होने से किसानों की समस्याएं बढ़ने लगी है. किसान अपनी फसल बचाने के लिए कई तरह के जतन कर रहे हैं. वहीं अगर जिले में जल्द ही बारिश नहीं होती है, तो सोयाबीन और मक्के की फसल सूख सकती है.
जिले के भगवानपुरा, गोगांव, सेगांव और भीकन गांव में बारिश नहीं होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें आने लगी हैं. मौसम विभाग के अनुसार बीते साल की तुलना में इस साल 100 मिलीमीटर बारिश कम हुई है, इससे किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए फसलों को खुद ही पानी दे रहे हैं.
मांडव खेड़ा के किसानों ने बताया कि हमने सोयाबीन की फसल लगाई है. लेकन बारिश नहीं होने से फसलें सूख रही है. वहीं बारिश नहीं होने से कीड़े भी फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर 2 दिनों में बारिश नहीं होती है, तो किसानों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा यह फसल सूख जाएगी.