भोपाल।मध्य प्रदेश के खरगोन के रहने वाले ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में पुरुषों के लिए 50 मीटर 3 पोजिशन राइफल शूटिंग में अपना जौहर दिखाएंगे. लेकिन ऐश्वर्य का टीटी नगर स्टेडियम से लेकर ओलंपिक तक का सफर आसान नहीं था. इस सफर में ऐश्वर्य ने कई बार हार का मुंह देखा, लेकिन ऐश्वर्य का ओलंपिक में जाने का जुनून ऐसा था कि उसने कभी हार नहीं मानी. ऐश्वर्य ने खेल के प्रति जुनून और अनुशासन से हार से कुछ ना कुछ सिखा और ओलंपिक तक का सफर तय किया.
ईटीवी भारत ऐश्वर्य के जुनून को जानने के लिए टीटी नगर स्टेडियम पहुंचा. स्टेडियम के प्रशासक विकास खराड़कर ने बताया कि ऐश्वर्य का नाम उन खिलाड़ियों में शामिल है, जो सबसे अनुसाशन को हमेशा फॉलो करते हैं. वह हमेशा टाइम से आते थे और अपना समय पूरा कर चले जाते थे. विकास कहते हैं कि पहली बार जब सिलेक्शन के लिए ऐश्वर्य आए थे, तो उन्होंने ही उसका सिलेक्शन किया था. ऐश्वर्य पढ़ाई में कमजोर थे, इसलिए उनके पिता ने उन्हें खेल
सिलेक्ट नहीं होने पर मायूस हो गया था ऐश्वर्य
स्टेडियम के प्रशासक विकास खराड़कर ने बताया कि जब ऐश्वर्य का टीटी नगर अकादमी में सिलेक्शन नहीं हुआ था, तो वो मायूस हो गया था. लेकिन कहते हैं ना हौसला इंसान को हमेशा आगे बढ़ाता है. ऐसे में ऐश्वर्य ने हार नहीं मानी और आगे बढ़ते गए. विकास ने बताया की ऐश्वर्य की यही लगन आज उसे खेल के महाकूंभ तक ले गई.
पढ़ाई में कमजोर थे ऐश्वर्य
एक बार का किस्सा बताते हुए विकास कहते हैं कि वैसे तो ऐश्वर्या अपने भाई की बदौलत ही इस अकादमी में आए हैं. अपने भाई को ही अपना आदर्श भी मानते हैं. लेकिन पढ़ाई में कमजोर होने के बाद ऐश्वर्य खेल अकादमी में आए, तो उनके पिता ने उनको कहा था कि अब खेलों में ही तुम्हें आगे बढ़ना है. जिस पर ऐश्वर्य ने भी कहा था कि वह खेलों में अब कुछ कर दिखाएंगे.