खरगोन।पूरे प्रदेश में यूरिया की किल्लत से किसान परेशान हैं.खरगोन की बात करें तो यहां किसानों के साथ उनके परिवार को भी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. ऐसे ही जब ईटीवी भारत यूरिया खाद वितरण केंद्र पहुंचा तो वहां पर यूरिया लेने के लिए किसान लंबी-लंबी कतारें बनाकर सुबह 6 बजे से ही लाइन में लग गए थे. जहां किसानों के साथ ही स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी यूरिया के लिए लाइन में खड़े थे.
पूरे प्रदेश में यूरिया की किल्लत, किसानों की बढ़ी मुसीबत
मध्यप्रदेश में यूरिया की कमी और कालाबाजारी के चलते किसानों सहित स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे भी यूरिया लेने के लिए मजबूर हैं. वहीं किसानों ने व्यापारियों पर कालाबाजारी कर महंगे दामों पर बेचने का आरोप भी लगाया है.
जब किसान देवली निवासी दशरथ राठौर से यूरिया के बारे में जानकारी ली तो केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर भड़कते हुए उसने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को अब शर्म आनी भी बंद हो गई है. ये लाइनें आज से नही कई सालों से लग रही हैं. यूरिया की ओर किसी का भी ध्यान नहीं है. आपके माध्यम से उन जिम्मेदारों से पूछना चाहता हूं कि अभी तक उन्हें ये भी पता नहीं कि जिले में कितनी यूरिया लगेगी. सरकार को यूरिया स्टॉक करके रखना चाहिए. यूरिया बेहद जरूरी है जिसे डालने के बाद ही खेतों में गेहूं की फसल अच्छी आती है.
वहीं स्कूल छोड़कर यूरिया लेने के लिए कतार में लगे किसान परिवार के बच्चों का कहना है कि खेत में यूरिया की जरूरत है. यूरिया आधार कार्ड पर 2 बोरी और पावती पर 3 बोरी दे रहे हैं. इसलिए आज स्कूल कॉलेज छोड़कर खाद वितरण केंद्र में यूरिया लेने आना पड़ा है.