खरगोन। जिले में सब्जियों के भावों में महंगाई ने तड़का लगा दिया है. जिससे लोगों की रसोई का जायका बिगड़ रहा है. सब्जी विक्रेताओं के मुताबिक मौसम की मार के कारण सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं. खरगोन जिले में मौसम की मार से किसान परेशान हैं. ऊपर से इन दिनों महंगाई की मार ने गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की रसोई का जायका बिगड़ दिया है . सब्जी खरीदने आए लोगों ने बताया कि कोरोना के कारण आर्थिक स्थिति खराब है. ऊपर से यहां सब्जियां महंगी हो गई हैं, अब सब्जियां खाएं या फल खाएं.
सब्जियों के भाव पहुंचे आसमान पर, गरीबों की पहुंच से दूर हुईं सब्जियां
सब्जियों के भावों में महंगाई ने तड़का लगा दिया है. जिससे लोगों की रसोई का जायका बिगड़ रहा है. सब्जी विक्रेताओं के मुताबिक मौसम की मार के कारण सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं.
सब्जियों के भाव पहुंचे आसमान पर
वहीं सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि गिलकी, लौकी बैंगन अदरक हरीधनिया और आलू के भाव बढ़े हुए है. जिसका कारण मौसम की फसलों पर मार है. इसके साथ ही ग्राहक भी कम आ रहे हैं. इस साल बारिश कम हुई है और गर्मी अधिक पड़ी है. जिससे सब्जियां जल गई हैं. सब्जियों का उत्पादन कम हुआ है.
सब्जियों के भाव इस तरह -
आलू- 40 रु.
गिलकी- 100 से 120
बैगन- 60
लौकी- 60 से 100
शिमला मिर्च- 100 से 120
हरी धनिया-200 प्रति किलो