खरगोन।कोरोना संक्रमण के बीच देश और प्रदेश के साथ जिले में भी ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर मारामारी देखने को मिल रही है. ऐसे में यहां दो अधिकारी अपने परिवार से डेढ़ सौ किलोमीटर दूर पीथमपुर के ऑक्सीजन प्लांट पर रहकर खरगोन के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध करा रहे हैं.
नींद गवाकर खरगोन में सांसों की सप्लाई कर रहे अधिकारी - कोरोना संक्रमण
ऑक्सीजन की कमी से लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो रही है. ऐसे में दो अधिकारी अपने परिवार से दूर पीथमपुर के ऑक्सीजन प्लांट पर रहकर खरगोन के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध करा रहे हैं.
दिन रात एक कर सासों की सप्लाई में जुटे अधिकारी
कोरोना की रोकथाम के लिए विभागों के कई अधिकारी भी व्यवस्थाएं बनाने में जुझ रहे है. ऐसे ही खरगोन के दो अधिकारी 150 किमी दूर रहकर जिले की मदद के लिए दिन-रात लगे हुए है. इन अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि जितनी जल्दी हो खरगोन ऑक्सीजन पहुंचाएं. झिरन्या नायब तहसीलदार राहुल डावर 15 अप्रैल व सनावद नायब तहसीलदार कृष्णा पटेल 20 अप्रैल से पिथमपुर-इंदौर और सांवेर स्थित ऑक्सीजन प्लांट से सतत आपूर्ति में लगे हैं. इनका काम जैसे ही खरगोन के वाहन खाली सिलेंडर आते, वैसे ही अपना नंबर लगाकर ऑक्सीजन भरवाने की कोशिशें करते हैं. दरअसल, इन्ही प्लांट से इंदौर संभाग के सभी जिलों सहित अन्य जिले भी ऑक्सीजन ले रहे है. इस कारण यहां का काम थोड़ा अलग है.
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खरगोन में लगभग 3 हजार सिलेंडर भेज चुके
नायब तहसीलदार ने बताया कि कलेक्टर व अपर कलेक्टर रात में कई बार कॉल कर जल्द से जल्द सिलेंडर भेजने को कहते है. वे कई बार रात्रि 2 बजे या सुबह 5 बजे भी कॉल कर जानकारी लेते है. जब भी दोनों अधिकारियों को ऐसे कॉल आता है, तो लगता है हमारे लोगों की सांसे उखड़ रही हैं और हम फिर दोगुना कोशिश करते हुए ऑक्सीजन पहुंचाते हैं. हमकों कई बार रात-रात भर खड़े रहकर सिलेंडर भरवाने पड़ते हैं. गाड़ी में ही नींद लेनी पड़ती है और भोजन भी गाड़ी में ही करते हैं. हम दोनों यहीं प्रार्थना करते है कि ऑक्सीजन खरगोन पहुंचे और प्राण बच जाए. दोनों अधिकारियों ने अब तक अनुमानित 3 हजार ऑक्सीजन से भरे सिलेंडर खरगोन पहुंचाए है.