खरगोन। एक बार फिर यह साबित हो गया है कि इंसानियत का कोई मजहब नहीं होता. जिले में लॉकडाउन के दौरान ईद के दिन सांप्रदायिक मिसाल देखने को मिली. शहर के आनंद नगर में रहने वाले हिंदू नथिया की बीमारी से मौत हो गई.
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मृत हिंदू शख्स का किया अंतिम संस्कार, पेश की हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल
खरगोन जिले में एक हम्माल की मौत होने पर कोरोना के डर से किसी शख्स ने अर्थी को कंधा नहीं दिया. इस दौरान मुस्लिमों ने शख्स की अर्थी को कंधा देकर मृतक का अंतिम संस्कार कराते हुए हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की है.
इस दौरान मुस्लिमों ने कंधा देकर चंदा जुटाकर गरीब का अंतिम संस्कार कराया. मृतक के रिश्तेदार महाराष्ट्र से लॉकडाउन के चलते नहीं आ सके. मृतक के मोहल्ले में रहने वाले लोगों ने भी जब अर्थी को हाथ नहीं लगाया तो मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अर्थी को कंधा दिया और हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार संपन्न कराया.
यहां तक कि अंतिम संस्कार के दौरान मुखाग्नि देने वाले दस के बेटे के बाल तक मुस्लिम शख्स ने कांटे. विपदा की इस घड़ी में मुस्लिम समाज के इस काम की विधायक रवि जोशी ने तारीफ की है.