खरगोन।जिले के कसरावद विकासखण्ड के रेगवां गांव के ग्रामीण आज कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होने सरपंच और सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों से मनरेगा के कामों को मशीनों से करवाकर लाखों रुपए का गबन किया जा रहा है. जिससे मजदूरों के रोजगार का हक मारा जा रहा है. ग्रामीणों ने कलेक्टर अधीक्षक नागर को ज्ञापन सौंपकर सरपंच-सचिव पर कार्रवाई की मांग की है.
मशीनों से करवाए जा रहे मनरेगा के काम, ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
खरगोन जिले के रेगवां गांव के ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें सरपंच और सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले चार सालों से मनरेगा के कामों को मशीनों से करवाकर लाखों रुपए का गबन किया जा रहा है.
ग्रामीण भगवान पटेल ने बताया कि उनके खेत के पास रपंच-सचिव ने रात में जेसीबी मशीन के द्वारा तलाब बनवाया. जब सुबह लोगों ने उन्हें बताया तो उन्होंने सचिव से जानकारी लेनी चाही. जिस पर सचिव ने पहले तो कहा कि मुझे नही पता कौन बना रहा है. जब दोबारा उससे पूछा गया सचिव कहने लगा कैंसल हो गई क्यों भाग दौड़ कर रहे हो. ये काम बंद करने के 15 दिन बाद दोबारा पिचिंग करवाई गई. इस बात को एक महीना हो चुका है. इस दौरान टुकड़ों-टुकड़ो में मशीनों से काम करवाया गया. जबकि ये काम मजदूरों से कराया जाना चाहिए था.
वहीं एक अन्य ग्रामीण मोहन पटेल ने बताया कि साल 2015 से लगातार मनरेगा के काम मजदूरों से न कराकर मशीनों से करवाया जा रहा है. हालांकि इस साल कुछ लोगों को 40 दिन काम दिया है, बाकी सभी काम मशीनों से करवाए जा रहे हैं. लेकिन उन मजदुरों को मजदूरी नहीं दी गई है. सारे काम कागजों पर करवाकर मनरेगा की राशि हड़प ली गई है. ये काम सचिव संजय पटेल और गणेश पटेल के कार्यकाल में हुआ है. वहीं जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो संजय पटेल ने ट्रांसफर करवा लिया.