खरगोन। खरगोन जिले में पशुओं पर और जानवरों पर बीमारियों का कहर बना हुआ है. पहले तो पशुओं के मौतों की संख्या में बढ़त हो रही थी, लेकिन अब इस बीमारी ने बैलों को भी अपने चपेट में ले लिया है. एक आदिवासी पशु पालक (पशु को पालने वाला) के यहां एक ही रात में एक के बाद एक दो कीमती बैलों की मौत हो गई.
इंसान से लेकर पशुओं पर बीमारी का कहर!
खरगोन जिले के आदिवासी ग्राम सिरवेल क्षेत्र सहित आसपास के गावों में पशुओं पर बेतहाशा बीमारी का प्रकोप बना हुआ है. जिससे पशुओं की मौत एक के बाद एक लगातार होते जा रही है. इस बीमारी के चलते पशु पालकों में भी दहशत का माहौल बना हुआ है. बता दें की इस बीमारी के इलाज के बारे में अभी तक विशेषज्ञों द्वारा कुछ बताया नहीं गया है, जिससे पशु पालकों में खासा डर दिख रहा है.
बैलों पर भी भारी पड़ रही बीमारी
सिरवेल के पटेल फाल्या में एक आदिवासी पशु पालक(पशु को पालने वाला) पंडीया किराड़े के यहां एक ही रात मेंं एक के बाद एक दो कीमती बैलों की मौत हो गई. इसको लेकर लाल सिंह खोड़े ने बताया की अगर समय रहते बीमारी की रोकथाम नहीं की गई तो अन्य पशु भी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. सिरवेल गांव के साथ साथ और भी कई गांव है जिसमें पशुओं पर इस बीमारी का प्रकोप बना हुआ है.
डॉक्टरों का क्या है कहना
पशु पालक पंडीया किराड़े के यहां दो बैलों की मौत के बाद डॉक्टरों ने दोनों बैलों का पोस्टमार्टम करवाया, जिसके बाद डॉक्टर भाई सिंह डावर ने बताया की यह लम्पी स्किन (lumpy skin disease) और निमोनिया की बीमारी है. इसकी मेडीसिन फिलहाल उपलब्ध नहीं है. बाहर से जल्दी ही मेडिसिन मंगवाकर पशुओं का उपचार किया जाएगा.