भोपाल। मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के डेढ़ महीने बाद जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा हिंसा प्रभावित क्षेत्र में शांति और सद्भाव बहाल करने के प्रयास जारी हैं. जिले में भड़की हिंसा के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे. (Khargone Violence Update) हालांकि, 10 अप्रैल के बाद ऐसी कोई घटना नहीं हुई है, लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन और पुलिस ने इस क्षेत्र पर कड़ी नजर रखी है. जिला प्रशासन की पूर्व अधिसूचना के अनुसार, जिले में 12 मई को एक निवारक उपाय के रूप में धारा 144 को फिर से लागू किया गया था, जो कि 10 जुलाई तक प्रभावी रहेगी.
धारा 144 फिर से लागू: जिला प्रशासन द्वारा 12 मई को जारी एक आदेश में कहा गया है, "एक निवारक उपाय के रूप में खरगोन जिले में धारा 144 को फिर से लागू कर दिया गया है और जिले में 10 जुलाई तक किसी भी जुलूस, जागरण और शोभा यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी." पिछले कई दशकों से एक साथ रहने वाले दो समुदायों के बीच शांति और सद्भाव बहाल करने के लिए, नवनियुक्त कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और पुलिस अधीक्षक (एसपी) धर्मवीर यादव ने अपने-अपने इलाके में लोगों से संपर्क किया. अधिकारियों ने लोगों के बीच विश्वास बहाल करने के लिए निवासियों से मुलाकात की. (MP riot hit Khargone)
पुलिस-प्रशासन को क्या है कोशिश: अधिकारियों ने निवासियों के साथ विस्तृत बातचीत की और यह सुनिश्चित किया कि ऐसी कोई भी घटना दोबारा न हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए. यह दौरा सोमवार की रात हुआ, जब कलेक्टर और एसपी खरगोन शहर के भटवाड़ी मुहल्ले में गए थे. स्थानीय लोगों से बातचीत के दौरान पुरुषोत्तम ने कहा, "हम यहां यह आश्वासन देने आए हैं कि हम अब कोई हिंसा नहीं होने देंगे. आपको (निवासियों को) चिंता करने की जरूरत नहीं है और अपने इलाके में शांति और सद्भाव लाने में हमारी मदद करें. जिन्होंने ऐसा किया है, उन्हें कड़ा सबक सिखाया जाएगा."