खरगोन। जहां एक तरफ इंदौर प्रदेश ही नहीं देश के सबसे कम प्रदूषित शहर का दर्जा हासिल कर चुका है, वहीं दूसरी ओर खरगोन ऐसा जिला है, जहां प्रदूषण स्तर इस कदर बढ़ चुका है कि जन-जीवन प्रभावित होने लगा है. जिला अस्पताल खरगोन में बढ़ती मरीजों की कतार इस बात की पुष्टि भी करती है.
खरगोन: आफत बना बढ़ता प्रदूषण, बढ़ रहे हैं खांसी और दमे के मरीज - खांसी
खरगोन में धूल और धुएं की अधिकता से सर्दी, खांसी और दमे के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी देखी जा रही हैं.

खरगोन में धूल और धुएं की अधिकता से सर्दी, खांसी और दमे के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिसका मुख्य कारण प्रदूषण और मौसम में आया परिवर्तन है. जिला चिकित्सलय पहुंचे मरीजों में आमतौर पर सर्दी, खांसी और बुखार की समस्या देखी जा रही है.
वहीं, जिला चिकित्सालय में तैनात डॉक्टर राम जायसवाल ने बताया कि प्रदेश में अचानक हुए मौसम परिवर्तन और धुएं व धूल के कारण खांसी, सर्दी और मलेरिया से संबंधित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. उनका कहना है कि ऐसे मरीजों को घर में रहकर आराम करना चाहिए और खांसी के मरीजों को मुंह पर कपड़ा बांध कर रखना चाहिए.