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कोरोना के कहर से नहीं उबर पा रहे कुम्हार, रोजी-रोटी के लिए परेशान

खरगोन में कुम्हार सड़क किनारे अपने मटकों को सजाए बैठे हैं, लेकिन कोरोना वायरस के कारण कोई भी उनके पास मटके लेने इस साल नहीं आया. वहीं पूरी गर्मी निकल गई और उनके मटके वैसे के वैसे ही रखे हैं.

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Published : Jun 24, 2020, 9:59 AM IST

Updated : Jun 24, 2020, 3:36 PM IST

loss to potters
कुम्हार परेशान

खरगोन। कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के कारण किए गए लॉकडाउन में खरगोन के कुम्हारों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. गर्मी में जहां मिट्टी के बर्तनों, मटकों और सुराहियों की मांग रहती थी, वहीं इस साल लॉकडाउन के कारण कुम्हारों की पूरी मेहनत धरी की धरी रह गई.

कुम्हार परेशान
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कोरोना काल में हर कोई काम-धंधे को लेकर परेशान है. करीब दो महीने के लॉकडाउन की वजह से छोटे, बढ़े सभी व्यवसायों की कमर टूट चुकी है. लॉकडाउन की वजह से बाजार बंद रहे और लोग अपने घरों में कैद रहे, जिसकी वजह से व्यापारियों की हालत बद से बदतर हो गई है. ऐसा ही कुम्हारों के साथ भी हो रहा है. सड़क के किनारे मटकों को सजाए बैठे ये कुम्हार इस उम्मीद से बैठे हैx कि मटकों की बिक्री होगी, तो घर का खर्च निकल आएगा.

मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों का कहना है कि गर्मी का पूरा सीजन लॉकडाउन में निकल गया. जमा पूंजी गर्मी के पहले मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए सामान इक्कठा करने में लग गई, अब पूरे साल रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

Last Updated : Jun 24, 2020, 3:36 PM IST

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