खरगोन। बडवाह में कोरोना कहर के चलते विघ्नहर्ता श्रीगणेश की धूम घरों में देखने को मिली. गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर शनिवार को श्रद्धालुओं ने अपने अपने घरों में शंख, घंटी घड़ियालो की गूंज के बीच रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान श्रीगणेश की स्थापना विधि विधान के साथ की गई. शासन के निर्देश पर सार्वजनिक लगने वाले गणेश पांडाल के समिति सदस्यों द्वारा घर पर ही 2 फीट की गणेश प्रतिमा स्थापित की गई.
गणेश चतुर्थी महोत्सव पर घर-घर में विराजे विघ्नहर्ता श्रीगणेश - ganeshotsav celebration at home
खरगोन में कोरोना के चलते लोगों ने अपने घरों में गणेशोत्सव मनाया और घर घर श्री गणेश की स्थापना की गयी. शासन के निर्देश पर सार्वजनिक लगने वाले गणेश पांडाल के समिति सदस्यों द्वारा घर पर ही 2 फीट की गणेश प्रतिमा स्थापित की गई.
भाद्रपद शुक्ल गणेश चतुर्थी पर पार्थिव गणेश पूजन का अपना एक विशेष महत्व है. पूजन विधान को बताते हुए आचार्य पंडित प्रितेश व्यास ने बताया कि यद्यपि वैदिक काल से हम भारतीय गणेश पूजन करते आ रहे है. लेकिन साल 1893 में महाराष्ट्र के पूना नगर में लोकमान्य बालगंगाधर तिलक के द्वारा इसको सार्वजनिक रूप प्रदान किया गया. इस वर्ष हम 127वां सार्वजनिक गणेश उत्सव मना रहे है.
वर्तमान में कोविड 19 संक्रमण के कारण इसे सार्वजनिक रूप से मनाना सम्भव नहीं है. अतः घर-घर में भाव के साथ श्री गणेश को विराजमान किया गया. नर्मदा स्थित राधा कृष्ण मंदिर एवं दादा दरबार आश्रम में भी शास्त्रोक्त विधि से मिट्टी लाकर गणेश जी का निर्माण कर पूजन-हवन-अभिषेक सम्पन्न कर मोदकों का नैवेद्य लगाया गया.