खरगोन।देशभर में कोरोना अपना कहर बरपा रहा है, आए दिन संक्रमित मरीजों के आंकड़े चौकाने वाले हैं. वहीं ऐसे में जिलों में कोरोना से निपटने के लिए फीवर क्लीनिक की शुरुआत की गई है. खरगोन में भी कोरोना जैसे खतरनाक संक्रमण से निपटने के लिए शासन ने जिले में 21 फीवर क्लीनिक शुरु की हैं, जो अब लोगों के लिए कारगर साबित हो रही हैं.
दरअसल जिले के ऊन गांव में एक कर्मचारी को बुखार आने पर उसने निजी डॉक्टर से इलाज करवाया. लेकिन वह जब ठीक नहीं हुआ तो उसने फीवर क्लीनिक में अपनी जांच करवाई थी, मामला संदिग्ध होने पर उसका कोरोना टेस्ट करवाया गया जिसमें उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई.
मध्यप्रदेश शासन ने कोरोना के संदिग्ध व्यक्तियों के उपचार के लिए जिलों में फीवर क्लीनिक शुरु किए हैं. खरगोन जिले में कुल 21 फीवर क्लीनिक संचालित किए जा रहे हैं, इनमें ऊन गांव का एक मात्र ऐसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, जहां फीवर क्लीनिक संचालित हो रही है. बाकी फीवर क्लिनिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों या सिविल अस्पतालों में संचालित किए जा रहे हैं. क्लीनिक्स पर शासन ने निर्धारित निर्देशों का पालन करते हुए व्यक्तियों को संतुष्टि और उपचार के लिए प्राथमिकता रखी गई है.
बीएमओ धीरेंद्र पंवार ने बताया कि ऊन फीवर क्लीनिक में अब तक 90 सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 89 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. वहीं एक व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. बीएमओ डॉ. पंवार ने कहा कि 29 जून को स्थानीय व्यक्ति का कर्मचारी के पास कॉल आया था. जहां उसने कहा कि उसको 3 दिन से सरदर्द और सर्दी हुई है. प्राइवेट क्लीनिक में इलाज कराने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है, जिसके बाद कर्मचारी ने उसे तत्काल अस्पताल आने के लिए कहा, यहां उनका सैंपल लिया गया और 30 जून को उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव मिली.