खरगोन। अभी तक मंदिर के पुजारी अपने निजी स्थानों पर ही पूजा-पाठ कर रहे थे और अब लंबे अंतराल के बाद उन्हें मंदिर परिसर में अपने यजमानों को बैठाकर पूजन-पाठ कराने की अनुमति मिल गई है. हालांकि प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के तहत ही मंदिर परिसर में दर्शन और पूजन संभव हो सकेगा.
कोरोना वायरस के कहर से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाते हुए गत 8 जून से देश में अनलॉक फेज की शुरुआत हो गई थी, इस दिन से धार्मिक स्थलों, गुरुद्वारा, मस्जिद, मॉल, रेस्तरां और होटल को खोलने की इजाजत दे दी गई थी, हालांकि इन्हें खोलने के लिए सरकार ने गाइडलाइन भी जारी की है, जिसका मंदिर प्रशासन और श्रद्धालुओं को पूरी तरह से पालन करना होगा. अभी तक ओंकारेश्वर के ब्राह्मण समाज यजमानों की पूजा-पाठ अपने निजी स्थानों पर कर रहे थे और अब लंबे अंतराल के बाद उन्हें मंदिर परिसर में बैठकर पूजन-पाठ कराये जाने की अनुमति मिल गई है. हालांकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एसडीएम द्वारा बनाए गए नियमों के तहत ही मंदिर में दर्शन और पूजन संभव हो सकेगा.
प्रशासन ने पंडित-पुजारियों के लिए जारी किए ये नियम-
(1) एक बार में पूजन सभाग्रह में अधिकतम 6 पूजा आयोजन हो सकेंगे. एक पूजा/अभिषेक में अधिकतम 5 व्यक्ति ही सम्मिलित हो सकेंगे. अपने यजमानों को मास्क की अनिवार्यता और हैंड सैनेटाइजर का उपयोग संबंधित पंडित का दायित्व होगा.
(2) पंडित दर्शन की कतार में लगे यजमान के साथ-सांथ नहीं जा सकेंगे गर्भ गृह में या कतार में यजमानों के साथ पंडित का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा.