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20 साल से पगडंडी के सहारे कट रही देवली के ग्रामीणों की जिंदगी, वादा कर सांसद भी मुकरे - Boycott election for road

खरगोन जिले के देवली पंचायत के ग्रामीण पिछले 20 साल से पगडंडी के पिच होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सियासत है कि न सुन रही और न ही देख रही है. सियासत भी कानून की तरह आंखों पर पट्टी बांध ली है और ग्रामीण इस बेबसी को अपना मुकद्दर मानकर इन्हीं परिस्थितियों में जीने की आदत डाल रहे हैं, लेकिन बीच-बीच में प्रयास भी करते रहते हैं.

Wait 20 years
20 साल से इंतजार

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Published : Jun 15, 2020, 7:17 PM IST

Updated : Jun 16, 2020, 10:28 AM IST

खरगोन। सरकारें आती हैं और चली जाती हैं, लेकिन जनता की बुनियादी जरुरतें पूरी नहीं होना आज भी एक समस्या बनी हुई है. जनप्रतिनिधि चुनाव के वक्त जनता को उसकी हर समस्या का समाधान करने का आश्वासन देते हैं, लेकिन वो आश्वासन कभी-कभार ही हकीकत में बदलता है. खरगोन जिले की देवली ग्राम पंचायत के ग्रामीण पिछले 20 साल से ज्यादा वक्त से सड़क की मांग कर रहे हैं. पर प्रशासन और नेताओं को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि जनता उनसे क्या अपेक्षा रखती है.

देवली गांव के ग्रामीण 20 साल से कर रहे हैं सड़क बनने का इंजतार

ग्रामीण गोपाल राठौर ने बताया कि हम खरगोन-देवली सड़क बनाए जाने की मांग पिछले 20 साल से कर रहे हैं. सड़क बनवाने के लिए कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं, यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी के नाम प्रशासन को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं, लेकिन सड़क का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया है. यहां तक कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार भी किया था, इसके बाद भी नेताओं का मन परिवर्तन नहीं हुआ.

पगडंडी की तस्वीर

गजेंद्र पटेल ने किया था सड़क बनवाने का वादा

ग्रामीणों के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी प्रत्याशी गजेंद्र पटेल ने गांव का दौर कर सड़क बनवाने का वादा किया था, लेकिन सांसद बनने के बाद उन्होंने आज तक गांव की तरफ मुड़कर नहीं देखा तो वादा क्या निभाएंगे, जबकि दूसरे ग्रामीण ने बताया कि देवली-खरगोन सड़क निर्माण के लिए कलेक्टर, विधायक, मंत्री, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी, मुख्यमंत्री यहां तक प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन किसी भी अपील का कोई नतीजा नहीं निकला. साथ ही ग्रामीणों ने नेताओं पर जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया है.

पगडंडी की तस्वीर

नेताओं की सद्बुद्धि के लिए किया था यज्ञ

ग्रामीण दशरथ ने बताया कि हमने सड़क निर्माण के लिए सद्बुद्धि यज्ञ भी करवाया था कि शायद नेताओं और प्रशासन को सद्बुद्धि आ जाए, लेकिन यज्ञ का भी असर शासन-प्रशासन पर नहीं पड़ा. भगवान ने नेताओं और अधिकारियों को सद्बुद्धि नहीं दी और दी भी हो तो बाद में भगवान ने उसे कुबुद्धि में बदल दिया हो. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने लोकतांत्रिक तरीके से सड़क निर्माण के लिए सारे प्रयास किए, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात जैसा ही रह गया.

गजेंद्र के कहने पर दिया था वोट

ग्रामीण ने बताया कि लोकसभा चुनाव में गजेंद्र पटेल ने देवली गांव आकर ग्रामीणों से अपील की थी कि आप लोग बीजेपी को वोट दें और चुनाव बाद आपके लिए सड़क बनवाने की जिम्मेदारी हमारी होगी, लेकिन एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सांसद ने गांव की ओर मुड़कर नहीं देखा. खरगोन विधायक रवि जोशी भी ये मानते हैं कि देवली-खरगोन सड़क नहीं बनने से ग्रामीण आक्रोशित हैं. प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार बनी तो देवली-खरगोन सड़क निर्माण की स्वीकृति कराई गई. सर्वे भी पूरा हो चुका था, बस टेंडर की प्रक्रिया शुरू होने वाली थी कि तभी कांग्रेस की सरकार गिर गई.

कांग्रेस की सरकार बनने पर दो महीने में शुरू करेंगे काम

विधायक रवि जोशी ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो दो महीने के अंदर ही देवली-खरगोन सड़क का काम शुरू किया जाएगा. देवली-खरगोन मार्ग निर्माण को लेकर ग्रामीणों और किसानों की विशेष मांग रही है.

Last Updated : Jun 16, 2020, 10:28 AM IST

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