खरगोन। सरकारें आती हैं और चली जाती हैं, लेकिन जनता की बुनियादी जरुरतें पूरी नहीं होना आज भी एक समस्या बनी हुई है. जनप्रतिनिधि चुनाव के वक्त जनता को उसकी हर समस्या का समाधान करने का आश्वासन देते हैं, लेकिन वो आश्वासन कभी-कभार ही हकीकत में बदलता है. खरगोन जिले की देवली ग्राम पंचायत के ग्रामीण पिछले 20 साल से ज्यादा वक्त से सड़क की मांग कर रहे हैं. पर प्रशासन और नेताओं को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि जनता उनसे क्या अपेक्षा रखती है.
ग्रामीण गोपाल राठौर ने बताया कि हम खरगोन-देवली सड़क बनाए जाने की मांग पिछले 20 साल से कर रहे हैं. सड़क बनवाने के लिए कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं, यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी के नाम प्रशासन को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं, लेकिन सड़क का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया है. यहां तक कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार भी किया था, इसके बाद भी नेताओं का मन परिवर्तन नहीं हुआ.
गजेंद्र पटेल ने किया था सड़क बनवाने का वादा
ग्रामीणों के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी प्रत्याशी गजेंद्र पटेल ने गांव का दौर कर सड़क बनवाने का वादा किया था, लेकिन सांसद बनने के बाद उन्होंने आज तक गांव की तरफ मुड़कर नहीं देखा तो वादा क्या निभाएंगे, जबकि दूसरे ग्रामीण ने बताया कि देवली-खरगोन सड़क निर्माण के लिए कलेक्टर, विधायक, मंत्री, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी, मुख्यमंत्री यहां तक प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन किसी भी अपील का कोई नतीजा नहीं निकला. साथ ही ग्रामीणों ने नेताओं पर जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया है.
नेताओं की सद्बुद्धि के लिए किया था यज्ञ