खरगोन। कोरोना और लॉकडाउन की मार ने रबी के सीजन को तो खत्म कर ही दिया. लेकिन अभी भी उनकी समस्याएं खत्म नहीं हुई हैं. अब ये संकट खरीफ की फसल पर भी मंडराने लगा है. अबकी बार समस्या सोयाबीने के बीज को लेकर है. महेश्वर तहसील के चोली गांव के किसान आदिम जाति सेवा सहकारी मर्यादित संस्था से सोयाबीन का जो बीज लिया, वो खेतों पांच दिन बीत जाने के बाद भी नहीं उगा, जिसकी वजह से किसान सकते में पड़ गए हैं. किसानों ने एक-दूसरे में चर्चा की, तो पता लगा कि सभी की हालत एक सी है. किसी के बीज नहीं उगे हैं.
एसडीएम से की शिकायत
जिसके बाद किसानों ने मामले की शिकायत एसडीएम से की. एसडीएम आनंद सिंह राजावत ने जांच के लिए टीम बनाकर भेजी. जिसमें महेश्वर तहसीलदार देवदत्त शर्मा कृषि अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे. जहां समिति प्रबंधक से चर्चा कर खेतों का मुआयना भी किया. जांच के बाद तहसीलदार ने भी माना कि, बीज खराब था. सोयाबीन मिट्टी में ही सड़ गया है.
किसानों को हुआ भारी नुकसान
किसान महेंद्र पटेल ने बताया कि, उन्होंने सहकारी समिति से सोयाबीन का बीज लेकर करीब 15 बीघा जमीन में बोया था. जिसमें सोयाबीन का एक दाना भी अंकुरित नहीं हुआ है.किसान अब अगर बाजारों से बीज लेते हैं, तो उन्हें डबल घाटा हो जाएगा. बताया जा रहा है कि, इस साल 30 किलो सोयाबीन की एक बोरी दो हजार रुपए में मिल रही है.
किसान गजानंद ठाकुर का कहना है कि,उन्होंने भी 10 बीघे जमीन में सोयाबीन बोया था. बीज खराब होने की वजह से उन्हें भारी नुकसान हुआ. उन्होंने सहकारी समिति से कर्ज लेकर बीज खरीदा है. अब नया बीज बाजार से कैसे खरीदेंगे. तब तक बोवनी का समय ही निकल जाएगा. किसानों ने जिला प्रशासन ने मदद की गुहार लगाई है.