खरगोन। कमलनाथ सरकार किसानों की आय बढ़ाने और स्थानीय उत्पादों को नई पहचान के साथ बाजार दिलाने के लिए नवाचारों का सहारा ले रही है. पिछले दिनों छिंदवाड़ा में मक्का की ब्रांडिंग के लिए 'कॉर्न फेस्टिवल' आयोजित किया गया था, वहीं अब खरगोन की मिर्च को नई पहचान दिलाने के मकसद से 'चिली फेस्टिवल' का आयोजन किया गया.
मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र के खरगोन की मिर्च खाने के जायके को लाजवाब बना देती है, बावजूद इसके अभी तक इसे देश-दुनिया में वह पहचान नहीं मिल पाई है, जिसकी वह हकदार है. मध्यप्रदेश में मिर्च उत्पादन की स्थिति पर गौर करें, तो पता चलता है कि प्रदेश में मिर्च का कुल रकबा 87,743 हैक्टेयर है, जिसमें से 65.57 फीसदी हिस्सा निमाड़ क्षेत्र में है. निमाड़ अंचल में 14 तरह की मिर्च की पैदावार होती है.
प्रदेश में कुल मिर्च का उत्पादन 2 लाख 18 हजार 307 मेट्रिक टन उत्पादन का 54.35 फीसदी उत्पादन यहां होता है, जबकि प्रदेश में अकेले खरगोन की मिर्च का रकबा 29 फीसदी और उत्पादन भागीदारी भी 29 प्रतिशत है. निमाड़ क्षेत्र में खरगोन, धार, खंडवा, बड़वानी और अलीराजपुर में मिर्च का उत्पादन होता है. कृषि विभाग प्रयास कर रहा है कि किसानों को अपने उत्पाद का दाम और बाजार मिले, साथ ही खाद्य प्रसंस्करण के जरिए किसान अधिक आय अर्जित करें.
आर्थिक रूप से समृद्ध हों किसान: सरकार