खरगोन। बड़वाह जनपद में गुरुवार को विकासखंड स्तरीय दिव्यांगजनों का यूडीआई एवं मेडिकल प्रमाण पत्र शिविर का आयोजन संपन्न हुआ. सामाजिक न्याय विभाग खरगोन द्वारा आयोजित शिविर में बड़वाह व सनावद नगर पालिका सहित जनपद पंचायत के दस पंजीयन काउंटरों के माध्यम से 609 दिव्यांगजनों के आवेदनों का पंजीयन किया गया.
शिविर में दिव्यांगजनों के साथ आये करीब 1500 से ज्यादा लोगों की भीड़ खुलेआम सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाती रही, लेकिन अधिकारी उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने में नाकाम साबित हुए. हालांकि माईक से बार-बार मास्क लगाने एवं सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की गुहार लगाई जा रही थी, लेकिन शिविर में उमड़ी जबर्दस्त भीड़ के चलते समाजिक दूरी की अनदेखी की गई.
सामाजिक न्याय विभाग खरगोन के उप संचालक धर्मेंद्र गांगले नवागत जनपद सीईओ राजेश बाहेती की उपस्थिति में सम्पन्न हुए शिविर में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ दिनेश ठाकुर, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. नबील अहमद, मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधांशु अवस्थी इंदौर, आडियोलजिस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक पाटिल खरगोन, नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉ. दिलीप अवास्या और डॉ. अमर सिंह चौहान ने स्वास्थ्य परिक्षण किया. कार्यालय में चिकित्सीय परीक्षण के लिए लगने वाली लाईन में सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखी.
हालांकि नवागत जनपद सीईओ राजेश बाहेती पूरे आयोजन के दौरान घूम-घूमकर व्यवस्थाओं पर नजर रख रहे थे. शिविर में बिना मास्क वाले दिव्यांगजन व उनके साथ आए परिजनों को निःशुल्क मास्क बांटे गए. दोपहर में दिव्यांगजन एवं उनके परिजनों को वितरित किये गए भोजन पैकेट भी ऊंट के मुह में जीरा लग रहे थे. हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश ठाकुर ने बताया की विभिन्न दिव्यांगता की श्रेणी में कम से कम 40 प्रतिशत दिव्यांगता होना अनिवार्य है. जिन मरीजों में सुधार हो सकता है. उन्हें उचित इलाज की सलाह दी जा रही है, ताकि इलाज के बाद उनकी दिव्यांगता में सुधार आ सके.
सीइओ राजेश बाहेती ने बताया की ऐसे दिव्यांगजन जिनके यूडीआई कार्ड बनना है, लेकिन उनके पास प्रमाण पत्र नहीं है. प्रमाण पत्र बनवाने खरगोन जाना पड़ता था. उनकी सुविधा के लिए ये शिविर आयोजित किया गया है. जनपद के द्वारा सोशल डीस्टेंसिंग के मद्देनजर व्यवस्थाएं की गई थीं, लेकिन आने वाले लोगों द्वारा बैठक व्यवस्था को अव्यवस्थित करने के कारण थोड़ी परेशानी आई और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सका.
सामाजिक न्याय विभाग के प्रभारी उपसंचालक खरगोन धर्मेंद्र गांगले ने बताया कि दिव्यांगों को और सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा यूनिवर्सल डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाकर दिया जाएगा. शिविर में चिकित्सीय परीक्षण के बाद उनका नाम ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड कर कार्ड बनाने की प्रक्रिया होगी. कुछ दिनों बाद यह कार्ड उनके घर पहुंचाया जाएगा.