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दम तोड़ रही जीवनदायिनी कुंदा नदी, गंदे नालों के पानी घोल रहे 'जहर' - life line

समाजसेवी संस्थाओं की मदद से सफाई अभियान चलाया जाता है, लेकिन इसका परिणाम कहीं देखने को नहीं मिलता. जिला प्रशासन ने स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से सफाई कराई थी. इन संस्थाओं का कहना है कि सफाई के लिए जमीनी स्तर पर काम करना होगा. कुंदा नदी में 8 से 10 नाले नदी में मिलकर नदी को दूषित करते हैं. उन नालों को बंद करने की जरुरत है. साथ ही उनका कहना है कि नदी के गहरीकरण की जरुरत है, जिसमें प्रशासन का कोई खर्च भी नहीं होना है.

नदी.

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Published : Feb 24, 2019, 1:00 AM IST

खरगोन। सरकारें आती-जाती रहती है और नदियों की सफाई की बस बातें की जाती हैं. जिले की जीवनदायीनी कुंदा नदी का आलम भी कुछ ऐसा ही है. हर साल लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद भी नदी की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है.


समाजसेवी संस्थाओं की मदद से सफाई अभियान चलाया जाता है, लेकिन इसका परिणाम कहीं देखने को नहीं मिलता. जिला प्रशासन ने स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से सफाई कराई थी. इन संस्थाओं का कहना है कि सफाई के लिए जमीनी स्तर पर काम करना होगा. कुंदा नदी में 8 से 10 नाले नदी में मिलकर नदी को दूषित करते हैं. उन नालों को बंद करने की जरुरत है. साथ ही उनका कहना है कि नदी के गहरीकरण की जरुरत है, जिसमें प्रशासन का कोई खर्च भी नहीं होना है.

नदी.


नगरपालिका सीएमओ निशिकांत शुक्ला ने बताया कि शहर के गंदे नालों का पानी ट्रीटमेंट करने के बाद नदी में छोड़ा जा रहा है, लेकिन नदी के ऊपरी इलाके के गांवों के सीवरेज का पानी मिल रहा है. इसके लिए जिला प्रशासन को बड़ी योजना बनाने की जरूरत है.

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