खरगोन। जिले के बड़वाह विकास खंड के ग्राम ओखला के ओखलेश्वर मंदिर में हनुमान जी की एक ऐसी मूर्ति है जो कंधे पर शिवलिंग उठाए हुए हैं. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि श्री राम के समुद्र पार करने से पहले रामेश्वरम की स्थापना के लिए नर्मदा से शिवलिंग लाने को कहा गया था.कहा जाता है कि ओंकारेश्वर से शिवलिंग ले जाते समय हनुमान जी की नींद लग गई थी, जिसके चलते राम को रेत के शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करनी पड़ी थी.
विश्व की एक मात्र हनुमान मूर्ति, जो शिवलिंग कंधों पर उठाए हैं - हनुमान मुर्ती
खरगोन और देवास की सीमा पर एक ऐसा मंदिर है जो अदभुत है, जहां हनुमान जी कंधे पर शिवलिंग उठाए हुए हैं.
अदभुत मंदिर जहां हनुमान कंधे पर शिवलिंग उठाए हैं
ये मंदिर खरगोन और देवास जिले की सीमा पर बसा बड़वाह विकासखंड में बना हुआ है. वहीं इस मंदिर में 1976 से लगातर 24घंटे रामायण का पाठ होता है, और भारी मात्रा में यहां श्रद्धालु आते हैं. वहीं इस बार हनुमान जंयती के अवसर पर लॉकडाउन के कारण मंदिर सूना है.