खरगोन।निमाड़ अंचल को सफेद सोने की खान कहा जाता है, क्योंकि यहां में सबसे ज्यादा कपास की फसल होती है. निसर्ग तूफान के असर से खरगोन जिले में दो दिन हुई लगातार बारिश के चलते किसानों ने खेतों में बुआई का कार्य शुरू कर दिया है. अभी से बुआई करने वाले किसानों कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि किसान अभी बुआई न करें ऐसा करने पर नुकसान होने की संभावना है और बारिश न होने के कारण अंकुर के सूखने का भी खतरा है.
बारिश आने का करें इंतजार, किसान अभी न करें बोवनी
खरगोन जिले में दो दिन हुई लगातार बारिश के चलते किसानों ने खेतों में बुआई का कार्य शुरू कर दिया है. अभी से बुआई करने वाले किसानों को कृषि विभाग ने सलाह दी है कि वे अभी बोवनी ऐसा करने से नुकसान होने की संभावना है.
कृषि अधिकारी एमएल चौहान ने बताया की खरगोन जिले में बीते वर्ष 2 लाख हेक्टेयर जमीन पर कॉटन बोया गया था. इस साल भी महेश्वर और बड़वाह में एक लाख 80 हजार हेक्टेयर में बोवनी हो चुकी है. जिन क्षेत्रों में नहर और नर्मदा का पानी है वहां कॉटन की बुआई हो चुकी है. लेकिन बाकी हिस्सों में किसानों को सलाह दी जाती है कि अभी निसर्ग तूफान के कारण जिले में बारिश हुई है, मॉनसून आने में फिलहाल वक्त है और एक लंबा सूखा आएगा, जिससे अंकुरित बीज खराब होंगे.
खरगोन में निसर्ग तूफान के असर के कारण दो दिनों में 7 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है, इस बारिश को देखते हुए किसानों ने खेतों को तैयार कर बुआई की तैयारी कर ली है. वहीं कृषि अधिकारी एमएल चौहान ने ईटीवी भारत से खास बात करते हुए कहा कि निसर्ग तूफान के कारण हुई बारिश की वजह से किसानों को बुआई का उचित समय लग रहा है, लेकिन आगे इससे नुकसान की आशंका है इसलिए किसान अभी कपास की बुआई के लिए इंतजार करें, सही समय आने पर कृषि विभाग किसानों को बोवनी करने की सूचना देगा.