नई दिल्ली/खरगोन। MP के खरगोन में रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद शिवराज सरकार के बुलडोजर ने कई इमारतों को ढहा दिया. इन्हें एनक्रोचमेंट के दायरे में बताकर कार्रवाई की जद में लिया गया. मगर अब यह मामला देश के सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट (SC) में एक याचिका दाखिल कर तत्काल सरकारी अधिकारियों पर एक्शन की मांग की गई है. इसके साथ ही प्रॉपर्टी के नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा भी मांगा गया है. इस मामले में याचिका एडवोकेट एहतेशाम हाशमी, अदील अहदम ने दायर कर मुआवजा देने की मांग की है.
याचिका में रखे गये तथ्य :याचिका में जो तथ्य सामने रखे गए हैं उसके मुताबिक 10 अप्रैल की खरगोन के जामा मस्जिद के पास रामनवमी की शोभायात्रा पर पत्थरबाजी के बाद हुई हिंसा का जिक्र किया गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि शोभायात्रा के दौरान गाने बजाए गए, नारेबाजी हुई जिसकी वजह से हिंसा हुई. रामनवमी की रात दो पक्षों के बीच हिंसा हुई और बाद में इंदौर में एक व्यक्ति की लाश भी मिली. प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई के नाम पर अपराधियों के घरों और उनके प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर चलवा दिया. तर्क दिया गया कि ये निर्माण अवैध थे और अतिक्रमण के दायरे में आते थे. मगर अब यही मामला शिवराज सरकार (Shivraj Singh Government MP) के गले की फांस बनता जा रहा है. बुलडोजर मामला अब SC की चौखट तक आ गया है.