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प्रशासन के भोजन और अनाज वितरण के दावों की खुली पोल, लोगों को लौटना पड़ रहा खाली हाथ

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Published : Mar 30, 2020, 11:39 PM IST

Updated : Mar 31, 2020, 12:07 AM IST

लॉकडाउन के चलते सरकार मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था करने का दावा कर रही है, लेकिन गरीबों को भोजन नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते राशन लेने दीनदयाल केंद्र गए लोगों को न तो अनाज मिला और ना ही भोजन के पैकेट. जिसके चलते वो भूखे ही वापस लौट आए.

Workers are not getting ration in khandwa
मजदूरों को नहीं मिल रहा राशन

खंडवा। लॉकडाउन के चलते मजदूरों को जीवनयापन करने का संकट पैदा हो गया है. वहीं सरकार के मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था के दावे कर रही है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इसकी एक बानगी जिले के दीनदयाल केंद्र में देखने को मिली. जहां लॉकडाउन के छठवे दिन भी लोगों को न तो अनाज मिला और ना ही भोजन के पैकेट. जिसके चलते वे भूखे ही वापस लौट आए.

प्रशासन के भोजन और अनाज वितरण के दावों की खुली पोल

मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते जहां एक ओर उनका रोजगार छिन गया है. वहीं दूसरी ओर वो भूखे मर रहे हैं. बावजूद इसके प्रशासन उनकी कोई मदद नहीं कर रहा है. वहीं अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों का फोन आ रहा है, उन्हें घर पर ही भोजन पहुंचाया जा रहा है. लेकिन यहां पर जो लोग आ रहे हैं, वो पहले ही 3 महीने का राशन ले चुके हैं, इसलिए उन्हें राशन नहीं दिया जा रहा है. इसके साथ ही राशन की दुकानों पर लोगों की भीड़ न बढ़े. इसलिए पुलिस के सहयोग से सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए कंट्रोल से राशन वितरित किया जाएगा.

ऐसा नहीं है कि सरकार के पास आनाज या किसी चीज की कमी है. समाजसेवी संगठनों और लोग प्रतिदिन भोजन की पैकेट के साथ ही कच्चा अनाज भी बड़ी मात्रा में दान कर रहे हैं. लेकिन गरीबों तक कोई मदद नहीं मिल पा रही है.

Last Updated : Mar 31, 2020, 12:07 AM IST

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