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भैया जी का अड्डा: पानी के लिए तरस रहा खंडवा लोकसभा का यह गांव, ग्रामीणों से सुनिए उनकी समस्या

मध्य प्रदेश की एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. जिससे पहले ईटीवी भारत की टीम सभी निर्वाचित क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों में पहुंची. जहां लोगों की समस्याओं के बारे में विस्तार से जाना गया.

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Published : Oct 27, 2021, 4:58 PM IST

भैया जी का अड्डा
भैया जी का अड्डा

खंडवा।मध्य प्रदेश की एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. जिससे पहले ईटीवी भारत की टीम सभी निर्वाचित क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों में पहुंची. जहां लोगों की समस्याओं के बारे में विस्तार से जाना गया. ग्रामीणों से बातचीत के दौरान पता चला कि जिस इंदिरा सागर परियोजना से लाखों लोगों तक पानी पहुंचना था, वह आज भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की पहुंच से दूर है. खंडवा जिले के बेड़ियाव गांव के लोग आज भी नदी के ओवरफ्लो के पानी से अपना गुजर-बसर करने को मजबूर हैं.

भैया जी का अड्डा

यह थी इंदिरा सागर परियोजना
देश की बहुउद्देशीय परियोजना के तहत खंडवा जिले में 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस परियोजना की आधारशिला रखी थी. इस परियोजना के अंतर्गत 160 क्यूसेक मीटर प्रभाव वाली 24,865 किलोमीटर लंबी एक मुख्य नहर का निर्माण किया गया. जिससे 169 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का नक्शा, इसके अलावा खंडवा जिले के ग्रामीण इलाकों में 94 मिलियन घन मीटर पेयजल की आपूर्ति निर्धारित थी. लेकिन नर्मदा किनारे पूरी परियोजना के होने के बावजूद अब भी खंडवा जिले के बेड़ियाव गांव जैसे कई गांवों के लोग आज भी पानी के लिए तरस रहे हैं.

गरीब किसानों और मजदूरों के इलाके
खंडवा जिले के पंधाना विधानसभा क्षेत्र में आने वाले कई गांव ऐसे हैं जहां आज भी विकासकार्यों का इंतजार किया जा रहा है. गरीब निचली बस्तियों में सड़कों का अभाव है. वहीं गंदगी और जन सुविधाओं की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. इस इलाके के अधिकांश लोग मजदूरी, ईट बनाना, खंती की खुदाई करने जैसे दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं. क्षेत्र में नगर पंचायत और पंचायतों के प्रतिनिधि समृद्ध इलाकों में तो सुविधाएं देते हैं, लेकिन जरूरतमंद गरीबों तक आज भी शासन की योजनाएं मुहैया नहीं हो पा रही है.

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चुनाव से बंधी उम्मीद
अब जबकि खंडवा लोकसभा में मतदान होना है तो जनप्रतिनिधि यहां लगातार पहुंच रहे हैं. हालांकि मूलभूत समस्याओं की ओर किसी का ध्यान नहीं है. विकासकार्यों को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं, वह ग्रामीणों की समझ से परे है. ग्रामीण जो समस्याएं जनप्रतिनिधियों को बता रहे हैं वह भी हमेशा की तरह चुनाव के बाद ही इस पर कोई ध्यान देने की बात करते हैं. हालांकि यह बात और है कि खंडवा लोकसभा में बीते कई लोकसभा के कार्यकाल में भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है. इस बार फिर लोगों को आस है कि जो भी प्रत्याशी जीतेगा वह एक बार उनकी फरियाद जरूर सुनेगा.

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