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एक सप्ताह में चार बच्चों की मौत से दहशत में ग्रामीण, राज जानने  गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम - viral fever in khandwa

खंडवा जिले के एक गांव में एक सप्ताह में चार बच्चों की मौत से ग्रामीण दहशत में हैं, जबकि मौत की सूचना मिलते ही प्रशासनिक टीम गांव में पहुंच गई है, जोकि बच्चों की मौत के कारणों का पता लगा रही है, मृत सभी बच्चों को बुखार व सांस लेने में तकलीफ होने के बाद तबीयत ज्यादा बिगड़ी थी.

health department team
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Published : Aug 10, 2021, 12:22 PM IST

Updated : Aug 10, 2021, 12:45 PM IST

खंडव। खालवा आदिवासी क्षेत्र के लंगोटी गांव में तेज बुखार व गले में संक्रमण के चलते सात दिनों में चार बच्चों की मौत हो गई, जिससे ग्रामीण दहशत में हैं. गांव के ही अजय पिता मुकेश पाटिल (9), अभिषेक पिता अशोक (11), निकलेश पिता मुन्नालाल (9) व रेणुका पिता महेश की मौत हुई है. परिजनों ने बताया कि बच्चों की तबीयत बिगड़ने से मौत हुई है, मौत की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग का अमला जांच के लिए गांव पहुंच गया है, साथ ही एसडीएम दिलीप कुमार व तहसीलदार अतुलेश कुमार मौके पर पहुंच गए हैं. ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने गांव के लोगों से जानकारी ली. इस दौरान मृत बच्चों के परिजनों के सैंपल भी लिए गए हैं.

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गांव के भैय्या लाल पालवी ने बताया कि रघुबीर व अभिषेक काे गुरुवार-शुक्रवार को गले में तकलीफ हुई थी, गले में सूजन के साथ ही खाने-पीने में परेशानी हो रही थी, साथ ही तेज बुखार भी था. दोनों बच्चों को परिजन खंडवा उपचार के लिए ले गए, जहां इलाज के दौरान शनिवार को रघुवीर की मौत हो गई. अभिषेक की स्थिति गंभीर होने पर उसे इंदौर रेफर किया गया था, पर उसने भी रास्ते में ही दम तोड़ दिया. इसके पूर्व 26 जुलाई को निकलेश को ऐसी ही तकलीफ होने पर खंडवा इलाज के लिए ले जाया गया था, जिसकी 28 जुलाई को मौत हो गई थी. दस दिनों में तीन लड़कों की बुखार व गले के संक्रमण से हुई मौत के बाद ग्रामीणों में डर बैठ गया है. मौसमी बीमारी से कई लोग ग्रस्त हैं और गांव में कोई स्वास्थ्य कार्यकर्ता तक नहीं है.

'मौत के कारणों का पता लगवाता हूं'
खालवा ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर शैलेंद्र कटारिया ने बताया कि लंगोटी गांव में दो बच्चों की मौत की जानकारी मिली थी, जिन्हें टांसिल की शिकायत थी, अभी वायरल फीवर भी चल रहा है. वह स्वयं बच्चों की मौत के कारणों का पता लगवाते हैं.

एक बच्चा खंडवा से इंदौर रैफर

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शरद हरणे ने बताया कि छह अगस्त को अभिषेक गंभीर स्थिति में पहुंचा था, प्रारंभिक तौर पर उसे सांस लेने में तकलीफ थी, जिसे ड्यूटी डॉक्टरों ने एमवाय रेफर किया था, जबकि अन्य दो बच्चों की जानकारी नहीं है. अभिषेक के ट्रीटमेंट संबंधी पर्चे में सांस लेने में दिक्कत होने की जानकारी मिली है.

Last Updated : Aug 10, 2021, 12:45 PM IST

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