खंडवा। नियमितीकरण की मांग को लेकर सरकारी उचित मूल्य के राशन विक्रेताओं ने राशन दुकानों को बंद कर दिया है. 9 दिन बित जाने के बाद भी दुकान संचालकों ने हड़ताल खत्म नहीं की है. सरकारी राशन विक्रेताओं के हड़ताल पर जाने से गरीब तबके के लोग परेशान हो गए हैं. गरीब उपभोक्ताओं को इस माह का राशन नहीं मिलने से उनके सामने दो वक्त की रोटी के लाले पड़ गए हैं. एक तरह से गरीब सस्ते अनाज के इंतेजार में भूख हड़ताल करने को मजबूर है. सरकार और राशन दुकानदारों के बीच कोई समझोता होता दिखाई नहीं दे रहा है. अगर यह हड़ताल आगे भी ऐसे ही चलती रही तो गरीब तबके के लोग दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज हो जाएंगे.
- 2 लाख 18 हजार उपभोक्ता परेशान
राशन की दुकान के बहार जमा भीड़ राशन दुकान खुलने का रोज इंतेजार कर रही है. लेकिन इनका इंतेजार खत्म होता नहीं दिखाई दे रहा है. दरअसल राशन दुकान संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. जिससे शहरी और ग्रामीण सभी राशन दुकान बंद है. ऐसे में अब गरीब परिवार परेशान हो रहे है. अपने बच्चों का पेट भरने के लिए लोग राशन दुकान खुलने की राह देख रहे है. यहां खड़े अधिकांश लोग मजदुरी कर अपने परिवार पालन करते हैं. राशन दुकान से मिलने वाले अनाज से ही गुजर बसर करते हैं. जिले में राशन की 469 दुकानें है जिसमें से करीब 47 दुकानें शहर में है. हड़ताल से जिले के करीब 2 लाख 18 हजार उपभोक्ता परेशान है.
- इन मांगों को लेकर की जा रही हड़ताल
जिले भर के सहकारिता समिति के सदस्यों की मांग है कि सहकारिता समिति के कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए. कोरोना काल में पीडीएस की दुकानों से जो राशन ऑफलाइन बांटा गया उसकी इंट्री पीओएस मशीन में की जाए, ताकि राशन दुकान के कर्मचारियों पर होने वाली बेवजह कार्रवाई से बचा जा सके. साथ ही इन्होंने जो सहयोग कोरोना काल में दिया हैं. उसके लिए शासन इन्हें भी कोरोना योद्धा घोषित कर लाभ दे. समय पर वेतन मिले और संस्थाओं को कमीशन का भुगतान किया जाए.
- मशीनों की शवयात्रा