मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

उचित मूल्य की दुकानों पर लगा ताला, अन्न के लिए मोहताज उपभोक्ता

सरकारी उचित मूल्य संचालक नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है. संचालकों के हड़ताल पर जाने से गरीब तबके के उपभोक्ता जो उचित मूल्य की दुकानों पर आश्रित था, वह अन्न के लिए भटकने पर मजबूर हो गया है. 9 दिन बित जाने के बाद भी दुकान संचालक हड़ताल से हटने के लिए तैयार नहीं है.

uchit mulya shops locked
उचित मूल्य की दुकानों पर लगा ताला

By

Published : Feb 11, 2021, 5:42 PM IST

खंडवा। नियमितीकरण की मांग को लेकर सरकारी उचित मूल्य के राशन विक्रेताओं ने राशन दुकानों को बंद कर दिया है. 9 दिन बित जाने के बाद भी दुकान संचालकों ने हड़ताल खत्म नहीं की है. सरकारी राशन विक्रेताओं के हड़ताल पर जाने से गरीब तबके के लोग परेशान हो गए हैं. गरीब उपभोक्ताओं को इस माह का राशन नहीं मिलने से उनके सामने दो वक्त की रोटी के लाले पड़ गए हैं. एक तरह से गरीब सस्ते अनाज के इंतेजार में भूख हड़ताल करने को मजबूर है. सरकार और राशन दुकानदारों के बीच कोई समझोता होता दिखाई नहीं दे रहा है. अगर यह हड़ताल आगे भी ऐसे ही चलती रही तो गरीब तबके के लोग दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज हो जाएंगे.

उचित मूल्य की दुकानों पर लगा ताला
  • 2 लाख 18 हजार उपभोक्ता परेशान

राशन की दुकान के बहार जमा भीड़ राशन दुकान खुलने का रोज इंतेजार कर रही है. लेकिन इनका इंतेजार खत्म होता नहीं दिखाई दे रहा है. दरअसल राशन दुकान संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. जिससे शहरी और ग्रामीण सभी राशन दुकान बंद है. ऐसे में अब गरीब परिवार परेशान हो रहे है. अपने बच्चों का पेट भरने के लिए लोग राशन दुकान खुलने की राह देख रहे है. यहां खड़े अधिकांश लोग मजदुरी कर अपने परिवार पालन करते हैं. राशन दुकान से मिलने वाले अनाज से ही गुजर बसर करते हैं. जिले में राशन की 469 दुकानें है जिसमें से करीब 47 दुकानें शहर में है. हड़ताल से जिले के करीब 2 लाख 18 हजार उपभोक्ता परेशान है.

  • इन मांगों को लेकर की जा रही हड़ताल

जिले भर के सहकारिता समिति के सदस्यों की मांग है कि सहकारिता समिति के कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए. कोरोना काल में पीडीएस की दुकानों से जो राशन ऑफलाइन बांटा गया उसकी इंट्री पीओएस मशीन में की जाए, ताकि राशन दुकान के कर्मचारियों पर होने वाली बेवजह कार्रवाई से बचा जा सके. साथ ही इन्होंने जो सहयोग कोरोना काल में दिया हैं. उसके लिए शासन इन्हें भी कोरोना योद्धा घोषित कर लाभ दे. समय पर वेतन मिले और संस्थाओं को कमीशन का भुगतान किया जाए.

  • मशीनों की शवयात्रा

सहकारिता समिति के कर्मचारियों ने 5 फरवरी को पीओएस मशीन की शवयात्रा निकालकर मशीनें जमा कर दी थी. कर्मचारियों का कहना है कि पीओएस मशीन पूरी तरह मर चुकी है. आए दिन मशीन का नेटवर्क चला जाता है, तो कभी सर्वर की दिक्कत होती हैं. इतना ही नहीं कोरोना काल में शासन के आदेश पर ऑफलाइन राशन का वितरण किया था. लेकिन अभी तक पीओएस मशीन में इसकी इंट्री नहीं हुई. जिससे राशन खाते में पुराना राशन अभी भी बाकि बता रहा हैं. जिसके चलते रोज दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं. इसलिए इन मशीनों की शवयात्रा निकली गई थी. इसके बाद से दुकानों को बंद कर कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी हैं.

  • सही जवाब नहीं दे रहे दुकानदार

राशन उपभोक्ता शेख मेहमूद का कहना है कि दुकान पर ताला लगा हुआ है. यहां कोई बताने वाला नहीं है और ना ही किसी तरह की सूचना लिखी हुई है. जिससे की पता चले दुकान कब खुलेगी. दुकान संचालक से पुछो तो वह भी सही जवाब नहीं देता.ऐसे में हम गरीब लोग कहां जाए.

  • लोग परेशान हो रहे है

उपभोक्ता शेख साजीद अली का कहना है कि हर महीने दो तारीख को दुकान खुल जाती थी. इस बार अनाज ही नहीं मिल रहा है. सभी लोग परेशान है. सरकार हड़ताल करने वाले दुकान संचालकों की ओर ध्यान दे. दुकान संचालक हड़ताल की बात करता है. मजदुरी करने वाले लोग कहा जाएंगे.

  • जैसा मार्गदर्शन, वैसी कार्रवाई

इधर जिला आपूर्ति अधिकारी तरुण सिंह यादव का कहना है कि समिति के सदस्यों से ज्ञापन ले लिए है. जिसे आगे वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा जाएगा. अनिश्चितकालीन हड़ताल के संबंध में संचनालय से मार्गदर्शन मांगा है. जैसा मार्गदर्शन मिलेगा वैसी कार्रवाई की जाएगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details