खंडवा। जिले में सरकारी योजनाएं किस तरह लापरवाही की भेंट चढ़ रही हैं, इसका ताजा उदाहरण जिले में बने तीन ग्रामीण खेल मैदान हैं. सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए अनेकों प्रयास कर रही है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते मैदान अपनी दुर्दशा पर रो रहे हैं. ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के माध्यम से जिले की तीन जनपद पंचायतों में 80 लाख रुपए की लागत से तीन ग्रामीण खेल मैदान 2 साल से बनकर तैयार हैं. आज वही मैदान शराबियों का अड्डा बन चुके हैं या सरकारी सामान रखने की जगह, जबकि अधिकारी को ये पता ही नहीं, इन मैदानों को किस विभाग को सौंपा जाना है.
शराबियों का अड्डा बन गए तीन खेल के मैदान, दो साल से नहीं हुआ हैंडओवर - 80 lakhs
खंडवा जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के माध्म से तीन ग्रामीण खेल मैदान दो साल से बनकर तैयार हैं, जोकि देखरेख के अभाव में शराबियों का अड्डा बन गए हैं.
जनपद पंचायत खंडवा, जनपद पंचायत छैगांवमाखन और जनपद पंचायत नर्मदानगर को ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ने दो साल पहले ही मैदान हैंडओवर कर दिया था, लेकिन तीनों जनपद पंचायतें दो साल से इन मैदानों के हैंडओवर की प्रक्रिया को आगे ही नहीं बढ़ा पाए हैं. छैगांवमाखन में बने खेल मैदान की हालत सबसे खराब है, ये मैदान शराबियों का अड्डा बन चुका है. हर रात यहां शराबियों का जमघट लगता है. जहां आये दिन तोड़ फोड़ भी की जाती रहती है. वहीं खंडवा जनपद पंचायत के नहालदा गांव में बने मैदान में सीमेंट की बोरियां रखी हुई हैं.
स्थानीय युवाओं का कहना है कि सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छी पहल की थी. मैदान बनकर तैयार है, लेकिन यहां खेल गतिविधियां नहीं आयोजित कराई जा रही है और न ही रख रखाव पर ध्यान दिया जा रहा है.