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खबर का असर: पोखर खुर्द में मनरेगा के तहत किए गए कार्यों की जांच के लिए टीम गठित

खंडवा में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. खबर दिखाए जाने के बाद पोखर खुर्द में मनरेगा के तहत किए गए कामों में हुए घोटाले की जांच के लिए पंधाना जनपद सीईओ कांतिलाल सोलंकी ने एक टीम गठित की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पढ़िए पूरी खबर..

Pandhana district CEO constitutes inquiry team for Pokhar Khurd
पंधाना जनपद सीईओ ने पोखर खुर्द के लिए जांच टीम की गठित

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Published : Jun 25, 2020, 5:21 AM IST

खंडवा। ग्राम पंचायत पोखर खुर्द के कार्यों में हुए घोटाले की जांच के लिए पंधाना जनपद सी ई ओ ने अफसरों की टीम गठित की है. जिसके बाद टीम के सदस्य पोखर खुर्द ग्राम में पहुंचकर इस वित्तीय वर्ष और पूर्व के वर्ष में कराए गए कामों का स्थलीय सत्यापन करेगी. जांच के बाद रिपोर्ट रिपोर्ट जनपद सी ई ओ को भेजी जाएगी. वहीं कोई भी गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.

मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों में तालाब, ग्रेवल मार्ग, नाली निर्माण, नाला खुदाई, चेक डेम, नाला विस्तारीकरण के कामों को कराने का प्रावधान है. वहीं आरोप है कि मनरेगा के तहत कराए गए कामों मे हेरा-फेरी की गई है, जिसके बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित प्रधान व सचिव पर कार्रवाई होना तय है. शिकायत कर्ता ने संदेह जताते हुए है कहा कि पहले की जांच की स्थिति को देखते हुए मामले की निष्पक्ष जांच होना आसान नही हैं, क्योंकि जिन कामों का नाम लिस्ट में हैं उनकी पहले भी शिकायत आ चुकी है, लेकिन किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

कुछ दिन पहले इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसका शीर्षक था 'मजूदर भटक रहे काम के लिए, ठेकेदार कर रहा मनरेगा का काम'. ग्राम पंचायत पोखर खुर्द के ग्राम फतेहपुर में सरपंच, सचिव, रोजगार सहायकों द्वारा मनरेगा में मजदूरों की जगह ठेकेदार को काम देकर काम करवाया जा रहा था. वहीं मजदूर काम की तलाश में दर-दर भटक रहा था. मस्टर रोल भरकर मजदूरों नाम से राशि का आहरण किया जा रहा है.

बता दें कि 8 लाख 21 हजार की लागत से हो रहे चेक डेम, नाला विस्तारीकरण के निर्माण कार्य में गुणवत्ता की शिकायत को लेकर जनपद सीईओ कांतिलाल सोलंकी पंधाना ने 29 मई 2020 को नोटिस जारी कर काम रुकवाया था, लेकिन जनपद सीईओ के इस आदेश को दरकिनार करते हुए पंचायत सचिव और सरपंच ने उसी निर्माण कार्य का काम ठेकेदार को देकर चालू करवा दिया. सरपंच सचिव ठेकेदार प्रथा से निर्माण कार्य करते हैं और मौके पर जो मटेरियल लगता है, उसमें भी गुणवत्ता शून्य के बराबर होती है.

गड़बड़ी पाए जाने पर लगा दी गई थी रोक

गुणवत्ताहीन सामग्री को देख इंजीनियर जाधव ने इस निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी. साथ ही गांव के सरपंच और सचिव को घटिया सामग्री का उपयोग न करने की हिदायत भी दी थी. वहीं कुछ समय तक पंचायत ने काम बंद रखा, लेकिन जैसे ही मौका मिला सरपंच और सचिव ने उसी घटिया सामग्री का उपयोग करते हुए निर्माण कार्य ठेकेदार के जरिए शुरू कर उसे पूरा करा दिया.

जांच के बाद होगी कार्रवाई

सीईओ उदयराज सिंह ने गुणवत्ताविहीन मेटेरियल के चलते काम को रोकने के आदेश जारी किये थे, जिसमें साफ लिखा था कि जब तक मटेरियल की टेस्टिंग रिपोर्ट नहीं आ जाती निर्माण कार्य चालू नहीं होगा. इंजीनियर के लेआउट को भी बदल दिया गया और ठेकेदार ने अपनी मर्जी से लेआउट डालकर निर्माण कार्य को पूरा कर उस चेक डेम पर वाइट कलर कर दिया गया है. जिसकी जांच के लिए दल का गठन कर दिया गया है, जांच रिपोर्ट आने के बाद अनिमियतता पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी.

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