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ग्रामीणों से मुलाकात के बाद बोले विधायक बिरला,तहसील कार्यालय बना दलालों का अड्डा, करेंगे घेराव - Khargone news updates

बड़वाहा विधानसभा विधायक इन दिनों अपने क्षेत्र की जनता के पास पहुंचकर उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं, बीते रोज उन्हें इस दौरान ग्रामीणों ने तहसील कार्यालयों में रिश्वतखोरी होने की शिकायत की ग्रामीणों की सुनने के बाद उन्होंने तहसील कार्यालयों का घेराव कर इसका विरोध करने की बात कही है.

Barwah MLA
ग्रामीणों से मुलाकात के दौरान विधायक

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Published : Nov 10, 2020, 1:47 AM IST

खरगोन। बड़वाह विधायक सचिन बिरला ने स्थानीय तहसील कार्यालयों पर आरोप लगाते हुए उसे दलालों का अड्डा बताया है. सोमवार को सिरलाय गांव के दौरे पर निकले विधायक ने मीडियाकर्मियों से चर्चा के दौरान कहा कि कार्यालय में बिना लेन दने के कोई कार्य नहीं हो रहा है. बीपीएल कार्ड बनाने के लिए और गरीब व्यक्ति से पांच हजार रुपये की राशि की मांग की जाती है. नहीं दे पाने पर उसे कोई भी कारण बताकर तुरंत मना कर दिया जाता है. जबकि पैसे देने वाले का काम जल्दी हो कर दिया जाता है.

ग्रामीणों से मुलाकात के बाद बोले विधायक


बिरला ने कहा, चार-पांच दिनों से काटकूट क्षेत्र के ग्रामों में दौरे पर रहकर चौपाल लगा रहा हूं, अधिकांश ग्रामीणों ने इसी तरह की शिकायत की है. पिछले दिनों एक गांव में ग्रामीणों ने घेर लिया था, उन्होंने भी यही बात कही थी. सिरलाय फाटा क्षेत्र की एक महिला तो अपनी पीड़ा बताते हुए रो पड़ी. उसने बताया कि तहसील कार्यालय में बीपीएल कार्ड बनाने के लिए उससे पैसे की मांग की जा रही है. नहीं दे पाई तो उन्होंने उसका बीपीएल कार्ड निरस्त कर दिया. कहा कि वर्ष 2002-03 के सर्वे में उसका नाम नहीं है. विधायक ने आगे कहा , जब सचिव से पूछा गया तो उन्होंने अलग कारण बताया, इससे सिद्ध होता है की तहसील कार्यालय दलालों का अड्डा बन चुका है, जबकि सरकार की योजना नामांतरण, बटवारा एवं सीमांकन का लाभ आम आदमी को बिना किसी परेशानी के मिलना चाहिए. ऐसी कई विसंगतिया हैं, जिसे कलेक्टर को ध्यान देकर इसे दुरुस्त करना चाहिए.


विधायक ने कहा कि कोरोना काल के इन आठ माह में जितना भ्रष्टाचार हुआ है. उतना अपने राजनितिक जीवन में कभी नहीं देखा. बीपीएल जैसी आम योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्ति को मिलना चाहिए, जो नहीं मिल रहा. किसानों को कार्यालयों मे परेशान होना पड़ रहा है. सीमांकन, बटांकन एवं नामांतरण जैसे कार्य के लिए परेशान हो रहे हैं. बिना रिश्वत के किसानों को पावती भी नहीं मिलती है. इतनी लूट-खसौट मैं ने अपने जीवन काल में नहीं देखी है.

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