खंडवा।बॉलीवुड के हरफनमौला कलाकार किशोर कुमार का आज जन्मदिवस है. 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में किशोर कुमार गांगुली का जन्म हुआ था. किशोर कुमार को लोग किशोर दा भी कहते थे. उनका असली नाम आभास कुमार गांगुली था. किशोर दा ने अपना फिल्मी सफर 1946 से शुरू किया था. किशोर को संगीत से बॉलीवुड में पहचान मिली. किशोर के गानों ने कई नायकों को महानायक बना दिया. कई अभिनेता किशोर दा के गानों से मशहुर हुए.
किशोर कुमार के गानों को आज भी गुनगुनाया जाता है. किशोर दा को चाहने वाले लोग आज भी उनकी याद में खंडवा में स्थित समाधि पर जाते है और दुध जलेबी का भोग लगाकर उन्हें गीतों के माध्यम से श्रद्धांजलि देते है. सिर्फ खंडवा में ही नहीं देश भर में किशोर दा को याद किया जाता है. मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में एक प्रशंसक ने किशोर दा का मंदिर ही बना दिया. इस मंदिर में किशोर कुमार की मूर्ती लगी हुई है. वहीं प्रदेश के इंदौर जिले में एक किशोर प्रेमी ने किशोर कुमार को समर्पीत म्युजियम बनाया है. इस म्युजियम में किशोर दा की यादों से जुड़े खास गानों और चीजों का कलेक्शन किया गया है.
समाधि पर किशोर प्रेमियों ने लगाया दूध जलेबी का भोग
किशोर कुमार का आज 92वां जन्मदिन है, शोहरत की बुलंदियां छूने के बावजूद किशोर कुमार ताउम्र किशोर ही बने रहे. बिना संगीत की शिक्षा लिए किशोर कुमार बॉलीवुड में एक ध्रुवतारा बनकर उभरे और गीत-संगीत के ब्रह्मांड पर छा गए. किशोर कुमार की इच्छा था कि वह खंडवा में ही बस जाए, लेकिन खंडवा में आने के पहले 13 अक्टूबर 1987 को उनकी मृत्यु हो गई. किशोर कुमार की इच्छा के चलते उनके पार्थीव शरीर को खंडवा जिले में ही अंतिम संस्कार किया गया.
किशोर कुमार की याद में किशोर प्रेमियों ने अंतिम संस्कार के स्थान पर उनकी समाधि बनाई. लगभग 3 एकड़ में फैली इस समाधि पर हर साल 4 अगस्त (जन्मदिवस) और 13 अक्टूबर (पुण्यतिथि) के दिन उनकी समाधि पर हजारों की संख्या में प्रशंसक जाते है और उन्हें दूध जलेबी का भोग लगाकर गीतों के माध्यम से श्रद्धांजलि देते है. देश विदेश से किशोर प्रेमी आकर उन्हें गीतों से श्रद्धांजलि देते है.
उज्जैन में प्रशंसक ने बनाया किशोर दा का मंदिर
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के रहने वाले सुनील कुमार किशोर कुमार के बहुत बड़े प्रशंसक है. सुनील LIC में कर्मचारी है. उन्होंने किशोर दा की याद में 8 लाख रुपए खर्च कर मंदिर बनाया है. इस मंदिर में किशोर कुमार की बचपन से लेकर मृत्यु तक खास यादें है. सुनील का कहना है कि किशोर कुमार मेरे भगवान है. इसलिए मैं मंदिर में किशोर दा की मुर्ती की पूजा करतै हूं.
किशोर दा के खस्ताहाल बंगले के संवरने की जागी उम्मीद, SDM ने किया निरीक्षण
उज्जैन वॉइस ऑफ किशोर कुमार के नाम से जाने जाने वाले सुनील बामनिया बताते है कि रोज सुबह मैं किशोर कुमार की आरती करता हूं. किशोर दा की पूजा के बाद वे मूर्ती को दूध जलेबी का भोग लगाते है. साथ ही किशोर दा के प्रशंसकों को उज्जैन में ठहरने की नि:शुल्क व्यवस्था करता हूं. सुनील को किशोर दा की पत्नी लीना चंद्रावरकर ने मुंबई में वाइस ऑफ किशोर कुमार का सम्मान दिया था.