खंडवा(Khandwa)।संत सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट (Sant Singaji Thermal Power Plant) कोयले के संकट से जूझ रहा है. एक तरफ बिजली उत्पादन (Electricity Production) का प्रेशर है, तो वहीं दूसरी तरफ कोयले का संकट (Shortage Of Coal) आ खड़ा हुआ है. प्लांट के पास केवल 3 दिन का ही कोयला शेष रह गया है. सिंगाजी परियोजना में प्रतिदिन 36000 मीट्रिक टन कोयले की आवश्यकता है, जबकि केवल 22000 मीट्रिक टन कोयला ही मिल पा रहा है. रोजाना 14000 मीट्रिक टन कोयला कम मिल रहा है. इसकी पूर्ति नहीं हो पाने की स्थिति में बिजली उत्पादन ठप हो सकता है. यही स्थिति रही तो 3 दिन बाद बिजली उत्पादन ही ठप हो जाएगा.
सिंगाजी पावर प्लांट में सिर्फ तीन दिन का स्टॉक
सिंगाजी पावर प्लांट में स्टॉक में मात्र 75 हजार मीट्रिक टन कोयला है, जबकि रोजाना की खपत 22 हजार मीट्रिक टन की है. प्रतिदिन यहां कोयला आ तो रहा है, लेकिन प्लांट की आवश्यकता को देखते हुए वह करीब 14000 मीट्रिक टन कम है. प्लांट को प्रतिदिन 36000 मीट्रिक टन कोयला आ सकता है, लेकिन प्लांट को 22 हजार मीट्रिक टन कोयला मिल रहा है. प्रतिदिन कोयला कम मिलने से प्लांट की स्थिति खराब होती जा रही है. माना जा रहा है कि अगर इसी तरह की स्थिति रही तो प्लांट में बिजली उत्पादन कभी भी बंद हो सकता है.
अधिकारी यहां तक कह रहे हैं कि अगर कोयला आना बंद हो जाता है, तो उनके पास केवल 3 दिन का ही स्टॉक बचा है. इसके बाद वह उत्पादन नहीं कर पाएंगे. जिससे बिजली बनना पूरी तरह ठप हो जाएगी.