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बारिश के कारण स्कूल परिसर हुए तालाब में तब्दील, कैसे पढ़ेंगे नौनिहाल

बरसात के दिनों में खंडवा के सरकारी स्कूल जलभराव से बेहाल हैं. प्रदेश सरकार बेशक शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का डंका पीटती हो, लेकिन सरकारी स्कूल के हाल शिक्षा-व्यवस्था की हकीकत को बयां कर रहे हैं.

सरकारी स्कूलों की बदहाली

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Published : Jul 9, 2019, 12:34 PM IST

Updated : Jul 9, 2019, 1:49 PM IST

खंडवा। 'स्कूल चलें हम' अभियान का जोर-शोर से दमखम भरने वाली सरकार की पोल थोड़ी सी बारिश ने ही खोल दी है. यह तस्वीरें किसी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की नहीं हैं, बल्कि खंडवा के सरकारी स्कूलों की है. जर्जर भवन में संचालित हो रहे स्कूल परिसर तालाब में तब्दील हो चुके हैं, तो छतों से पानी भी टपक रहा है. कक्षा में पूरी तरह लबालब पानी भरा हुआ है. ऐसे में नौनिहालों के बैठने की समस्या खड़ी हो गई है. यही वजह है कि बच्चे बारिश में स्कूल आ तो रहे हैं, लेकिन उनकी पढ़ाई नहीं हो पा रही है.

सरकारी स्कूलों की बदहाली

जो बच्चे बारिश के पानी से जद्दोजहद करते हुए भविष्य को बनाने के लिए स्कूल आते भी हैं, तो कक्षा में लबालब पानी होने की वजह से शिक्षक अलग-अलग कक्षाओं के बच्चों को एक ही क्लास में बिठा देते हैं. अब आप ही सोचिए कि ऐसे में बच्चे क्या पढ़ते होंगे और क्या शिक्षक पढ़ाते होंगे. ऐसा ही हाल शासकीय नीकंठेश्वर विद्यालय का है. यहां भी छत टप-टप टपक रही है. क्लास रूम में लबालब पानी भरा है, लिहाजा यहां भी स्कूल में बच्चों की संख्या 15-20 से ज्यादा नहीं है और जो है वो भगवान भरोसे है.

स्कूल की शिक्षिका भी इस बात को मान रही है कि स्कूल परिसर में पानी भरने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिसकी वजह से बच्चों का स्कूल आना कम हो गया है, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी जेएल रघुवंशी विभाग की नाकामी को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं.

अब ये सोचिये कि ऐसे हालात में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब, किसान और दिहाड़ी मजदूरों के बच्चों का बेहतर भविष्य कैसे बनेगा. लिहाजा जब तक सरकारी स्कूलों की हालत नहीं सुधरेगी, तब तक चाहे कितनी भी किताबें और साइकिल बांट दी जाएं, जब बैठकर पढ़ने की जगह ही नहीं होगी तो कैसे पढ़ पाएंगे ये नौनिहाल.

Last Updated : Jul 9, 2019, 1:49 PM IST

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