खंडवा। ओंकारेश्वर में गुरुवार दोपहर बाद मौसम सुहावना हो गया. इसी बीच प्रकृति का एक अनूठा नजारा देखने को मिला. जब ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के शिखर के ठीक ऊपर इंद्रधनुष दिखाई दिया. आसमान पर छाए घने काले बादलों के बीच इंन्द्रधनुष का दिखाई देना शुभ संकेत बताया जा रहा है.
पंडित अरुण त्रिवेदी बताते हैं कि ओंकारेश्वर ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के ऊपर इंद्रधनुष दिखाई देना पूरे भारत के लिए शुभ संकेत है. खासकर निमाड़ और मध्यप्रदेश के लिए. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी जल्द ही समाप्त होगी. हालांकि ईटीवी भारत इस तरह के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है.
नर्मदा नदी के मध्य ओमकार पर्वत पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर हिंदुओं की आस्था का केंद्र है. ओंकारेश्वर का यह शिव मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक माना जाता है और यहां पर मां नर्मदा स्वयं ॐ के आकार में बहती हैं. नर्मदा के उत्तरी तट पर ओंकार पर्वत पर एक द्वीप के रूप में ओमकारेश्वर अत्यंत ही पवित्र व सिद्ध स्थान है.
हिंदुओं में सभी तीर्थों के दर्शन पश्चात ओंकारेश्वर के दर्शन व पूजन विशेष महत्व है. लोगों में ऐसी मान्यता है कि तीर्थ यात्री सभी तीर्थों का जल लाकर ओमकारेश्वर में अर्पित करते हैं, तभी सारे तीर्थ पूर्ण माने जाते हैं अन्यथा वे अधूरे ही माने जाते हैं.
कैसे बनता है इंद्रधनुष
सूर्य के प्रकाश की कोई किरण जब प्रिज्म में से गुजरती है तो वो सात रंगों में विभक्त्त हो जाती है. इसे ही प्रकाश का विक्षेपण कहते हैं. इन्द्रधनुष प्रकाश के परावर्तन, अपवर्तन और पानी की बूंदों में प्रकाश के विक्षेपण के कारण बनता है. इन्द्रधनुष में सात रंगों का स्पेक्ट्रम चाप के आकार में हमें आकाश में दिखाई देता है. इन्द्रधनुष के रंगो का क्रम इस प्रकार होता है-