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खंडवा में पुजारी ने शिव मंदिर में जाने से रोका, इसको लेकर दलितों और बंजारों में ठनी

मध्यप्रदेश के खंडवा में शिव मंदिर में पूजा को लेकर दलित और बंजारा समाज में तनातनी हो गई.पहले दलित समाज के लोग मंदिर के बाहर बैठकर पूजा करते थे. आज उन्होंने शिवरात्रि के दिन अंदर जल चढ़ाने के लिए जिद की, तो पंडित ने उन्हें रोक दिया था.

priest prevented from going to shiva temple
खंडवा में पुजारी ने शिव मंदिर में जाने से रोका

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Published : Feb 18, 2023, 10:31 PM IST

खंडवा।दलित समाज के लोगशिव मंदिर के बाहर बैठकर पूजा करते थे. आज शिवरात्रि पर मंदिर के अंदर पूजा करने जाने लगे तो बखेड़ा खड़ा हो गया. मामला मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के ग्राम बेलवाड़ी का है. यहां दलित समाज के युवक और युवतियों को मंदिर में जाने रोका गया. साथ ही उन्हें जल भी नहीं चढ़ाने दिया गया. इस बात को लेकर दलित और बंजारा समाज में ठन गई है. हालांकि पुलिस ने कोटवार जो कि दलित समाज का है. उसके पुत्र से मंदिर में जल चढ़वाया. अब दलित समाज मंदिर के पुजारी पर केस दर्ज करने की मांग पर अड़ गया है.

पुजारी ने जल चढ़ाने से रोकाः महाशिवरात्रि पर ग्राम बेलवाड़ी में स्थित शिव मंदिर में सुबह से दर्शन करने लोग पहुंच रहे थे. कोटवार हुकुमचंद का पुत्र सुमेश भी मंदिर में पूजा करने गया. उसे पुजारी जगराम ने मंदिर के बाहर ही राेक दिया. पुजारी न तो उसे पूजा करने दी और न ही उसे जल चढ़ाने दिया. इसके बाद युवक वापस घर आ गया. कुछ देर बाद दलित समाज की पांच से छह युवतियां भी शिव मंदिर पहुंचीं. उन्हें भी पुजारी ने अंदर नहीं जाने दिया. इससे नाराज दलित समाज के लोग मंदिर के सामने जमा हो गए. दूसरी तरफ बंजारा समाज के लोग भी जमा हुए. माहौल गरमाता देख ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दे दी. हरसूद थाने से टीआइ अंतिम पवार गांव पहुंचें और दोनों पक्षों को समझाने में लग गए. उन्हाेंने दलित युवक सुमेश को मंदिर में प्रवेश देकर जल चढ़ाया है. इसके बाद भी बात नहीं बन पाई. दलित समाज के लोगों ने पुजारी पर गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि पुजारी पर प्रकरण दर्ज नहीं किया गया तो वे रविवार को हरसूद थाने का धेराव करेंगे.

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अब तक मंदिर के बाहर बैठकर करते थे पूजाः मंदिर में लोटा लेकर जल चढ़ाने आए दलित समाज की महिलाओं का कहना है कि वे कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से प्रभावित हैं. शिवरात्रि पर शिव मंदिर के अंदर जाकर जल, बेलपत्र और फुल चढ़ाने की चाह थी. इसके लिए मंदिर आए थे, लेकिन यहां पुजारी ने मंदिर के बाहर ही रोक दिया. उन्हें पूजा नहीं करने दी और न ही जल चढ़ाने दिया. मंदिर में प्रवेश नहीं देने को लेकर पुजारी जगराम ने टीआइ पवार को बताया कि यह मंदिर बंजारा समाज ने बनवाया है. इससे पहले कभी दलित समाज के लोगाें ने मंदिर के अंदर जाकर पूजा नहीं की थी. वे मंदिर के बाहर बैठकर ही पूजा करते आ रहे हैं. आज अचानक वे मंदिर के अंदर जाकर पूजा करने की बात कर रहे हैं. इस बार में समाज की पंचायत में ही तय हो सकेगा.

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