खंडवा। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर नर्मदा जयंती महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. नर्मदा के सभी घाटों पर सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. माना जाता है कि, माघ महीने की सप्तमी को मां नर्मदा धरती पर आतीं थीं, तभी से ही भक्तजन पवित्र नर्मदा नदी में स्नान करके भोलेनाथ का आशीर्वाद लेते हैं. यह भी माना जाता है कि, नर्मदा स्नान करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है.
नर्मदा जयंती महोत्सव: ओंकारेश्वर मंदिर में धूमधाम से मनाई गई नर्मदा जयंती
मध्यप्रदेश में सभी प्रमुख स्थलों पर बड़े ही धूमधाम से नर्मदा जयंती का उत्सव मनाया जा रहा है. इसी क्रम में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भी बड़ी संख्या में भक्तजनों ने जयंती मनाई.
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पर 251 लीटर दूध से मां नर्मदा का अभिषेक किया गया. हेलीकॉप्टर से मां नर्मदा पर फूलों की बारिश की गई. भक्तों ने मां नर्मदा को चुनरी चढ़ाई. घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा की आरती की. नर्मदा के दोनों घाटों पर स्थित पर्वत श्रृंखलाओं पर दीपदान किया जाएगा.
मान्यता है कि, जब भगवान शिव ने विषपान किया था, तब उन्होंने विषपाल अपने कंठ में रोक लिया था. इसी कंठ से पसीने की बूंद निकली और नर्मदा के रूप में पृथ्वी पर लगातार बही. मां नर्मदा को नम्रता भी कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार नर्मदा ही एकमात्र ऐसी नदी है, जिसे हमेशा जीवित रहने का आशीर्वाद मिला है.