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Published : Jul 15, 2023, 6:54 AM IST

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MP Seat Scan Pandhana: पंधाना सीट पर 4 बार से BJP का कब्जा, अबकी बार कांग्रेस को लगी आस, जानें सियासी समीकरण

चुनावी साल में ईटीवी भारत आपको मध्यप्रदेश की एक-एक सीट का विश्लेषण लेकर आ रहा है. आज हम आपको बताएंगे खंडवा जिले की पंधाना विधानसभा सीट के बारे में. पूर्व निमाड़ क्षेत्र यानी खंडवा की पंधाना सीट बीजेपी का गढ़ बन चुकी है. इस सीट पर लगातार चार बार से बीजेपी का कब्जा है. जानें क्या हैं यहां के सियासी समीकरण.

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पंधाना विधानसभा क्षेत्र

खंडवा।प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव का रंग जिले के पंधाना विधानसभा क्षेत्र में नजर आने लगा है. गांवों में चुनावी चर्चा तेज हो गई है तो वही दोनों ही पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को तैयार करने में लग गई है. मान मनुहार का दौर शुरू हो गया है. आदिवासी सीट होने से प्रदेश की राजनिति में यह महत्वपूर्ण मानी जाती है. यहां लंबे समय से भाजपा का दबदबा बना हुआ है. वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के युवा इंजीनियर राम दांगोरे के विधायक हैं. कांग्रेस की प्रत्याशी छाया मोरे को करीब 23 हजार से ज्यादा वोटों हराया था. पंधाना विधानसभा क्षेत्र के बड़ौदा अहीर जननायक टंट्या मामा की जन्मभूमि है.

पंधाना विधानसभा में मतदाता

क्षेत्र की विशेषता:पंधाना विधानसभा क्षेत्र खंडवा जिले के अंतर्गत आता है और खंडवा सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक और भौगोलिक विशेषताओं से भरा हुआ है. पंधाना के आस पास कई पर्ययक स्थान हैं जहां घूमा जा सकता है और पर्यटक आते भी खूब हैं. पंधाना के पास ही 12 ज्योतिर्लिंग में से एक ओंकार ममलेश्वर, ओंकारेश्वर शहर में पवित्र नर्मदा के तट पर स्थित है हालांकि यह मंधाता विधानसभा क्षेत्र में आता है. दादा धुनीवाले जी की समाधि स्थल खंडवा में स्थित है. मशहूर गायक किशोर कुमार की समाधि स्थली खंडवा शहर में है. हनुमंतिया द्वीप मध्य प्रदेश पर्यटन में एक उभरता जल पर्यटन स्थल है जो इंदिरा सागर बांध पुनासा तहसील में स्थित है.

पंधाना विधानसभा में मतदाता

पंधाना विधानसभा सीट में मतदाता:पंधाना विधानसभा क्षेत्र में महिला मतदाता 1 लाख 41 हजार 064 और पुरुष 1 लाख 32 हजार 803 मतदाता हैं. जबकी 4 अन्य हैं. इस तरह से कुल मतदाता 2 लाख 73 हजार 871 हैं. यह मतदाता अब 2023 में पंधाना विधानसभा क्षेत्र के भाग्य का फैसला करेगें.

पंधाना विधानसभा क्षेत्र 2018 चुनाव परिणाम

पिछले चार विधानसभा चुनाव: पंधाना विधानसभा सीट पिछले चार चुनावों से भाजपा का गढ़ बनी हुई है. भाजपा के ही प्रत्याशी यहां जीतते आए हैं. प्रत्याशी बदलने के बाद भी कांग्रेस यहां जीत हासिल नहीं कर सकी. हर बार भाजपा नया प्रत्याशी यहां उतारती आई है. 2003 में भाजपा के किशोरीलाल वर्मा ने कांग्रेस के प्रत्याशी हीरालाल सिलावट को 16 हजार 820 वोटो से हराया था. 2008 में भाजपा के अनार सिंह वास्कले ने कांग्रेस के नंदू बारे को 3 हजार 393 वोटों से हराया. 2013 में भाजपा की योगिता नवलसिंह बोरकर ने कांग्रेस के नंदू बारे को 17 हजार 261 से हराया था. वहीं वर्ष 2018 के चुनाव में भाजपा के राम दांगोरे ने कांग्रेस प्रत्याशी छाया मोरे को 23 हजार 750 से हराया था.

पंधाना विधानसभा क्षेत्र चुनाव परिणाम

2018 के विधानसभा चुनाव परिणाम:2018 के विधानसभा चुनाव में पंधाना विधानसभा में भाजपा के इंजिनियर राम दांगोरे ने जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस की छाया मोरे को 23 हजार 750 वोट से हराया था. इस चुनाव में राम दांगोरे को 91 हजार 844 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी मोरे को 68 हजार 94 वोट मिले थे.

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विकास का दावा:पंधाना विधानसभा के विकास कार्यों की बात की जाए तो यहां के विधायक राम दांगोरे का कहना है कि आजादी के बाद से जो काम नहीं हुए थे वह काम उन्होंने अपने कार्यकाल में करवाए हैं. पंधाना विधानसभा में लगभग छह हजार करोड़ रुपए के विकास कार्य उन्होंने स्वीकृत करा लिए हैं. जिसमे खंडवा लिफ्ट एरिगेशन योजना 18 सौ 66 करोड़ रुपए की योजना, इसमें 84 गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. सिंगोट को उप तहसील बनाया, छैगांव माखन को उप तहसील से तहसील का दर्जा मिला. आईटीआई कॉलेज की सौगात मिली, सीएम राइज स्कूल की सौगात मिली. पंधाना विधानसभा में सड़कों की दिक्कत थी उसे दूर करते हुए कहीं गांव को सड़कों के माध्यम से शहर से जोड़ा है.

विकास का दावा झूठा- कांग्रेस: कांग्रेस का कहना है कि पंधाना विधानसभा में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे, आगे रोड़ बनाता है और पीछे साफ हो जाता है. भ्रष्टाचार का अड्डा बीजेपी ने पंधाना में बना रखा है. सड़कों पर लोग चल नहीं सकते सड़कों पर गड्ढे इतने हैं कि आए दिन एक्सीडेंट हो रहे हैं. धूल के गुब्बारे से यह के व्यापारी दुकानदार इतने परेशान हैं कि काम धंधा नहीं कर पा रहे. किसानों को सिंचाई के लिए पानी तक नहीं मिल पा रहा है. इन सब बातों को कांग्रेस मुद्दे बनाकर 2023 की लड़ाई में उतरने की तैयारी में है.

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