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Kishore Da Birth Anniversary: अगर एमपी सराकर को मिल जाए किशोर दा का पुश्तैनी घर, तो बनाया जा सकता है राष्ट्रीय स्मारक- एमपी वन मंत्री - किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 में खंडवा में हुआ

Kishore Kumar Birthday: एमपी के वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा कि किशोर दा का पुश्तैनी घर अगर एमपी सरकार को मिल जाए तो उनके जन्मस्थान पर सरकार राष्ट्रीय स्तर का स्मारक बना सकती है.

Kishore Kumar Birth Anniversary
किशोर दा का पुश्तैनी घर

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Published : Aug 4, 2023, 10:14 PM IST

खंडवा (पीटीआई भाषा)।मप्र के वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने शुक्रवार को कहा कि "मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार सुरों के सम्राट किशोर कुमार के जन्मस्थली खंडवा में राष्ट्रीय स्तर का स्मारक बना सकती है, अगर उनका परिवार अपना पुश्तैनी घर राज्य को सौंप दे तो." फिलहाल आज महान गायक किशोर दा की 94वीं जयंती के मौके पर एमपी के वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने खंडवा पहुंचकर किशोर कुमार के फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित की और जीर्ण-शीर्ण संपत्ति की देखभाल करने वाले काका सीताराम से बातचीत की. उन्होंने कहा कि "खंडवा में जो घर किशोर दा के परिवार वालों का है, इस पर हमारा कोई अधिकार नहीं है लेकिन फिर भी अगर परिवार दो कदम आगे चलकर ये घर सरकार को सौंप देता है तो हमारी मध्य प्रदेश सरकार इसके स्थान पर किशोर राष्ट्रीय स्मारक बनाने में पूरा साथ देगी."

किशोर कुमार की जयंती पर शहर में निकली गौरव यात्रा:किशोर दा की 94वीं बर्थ एनिवर्सरी पर शहर में 'गौरव यात्रा' निकाली गई, जिसमें शाह और शहर के तमाम लोगों के साथ वरिष्ठ अधिकारियों ने आभास कुमार गांगुली (किशोर कुमार) के रूप में जन्मे गायक को याद किया. इस दौरान किशोर प्रेरणा मंच के प्रवक्ता सुनील जैन ने कहा कि "किशोर दा के सम्मान में खंडवा शहर में 3 दिनों तक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं और बड़ी संख्या में किशोर कुमार के प्रशंसक सुबह 6 बजे से उनकी समाधि पर आए, जहां उनके गीत गाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. इसके साथ ही किशोर दा की समाधि पर उनकी फेवरेट 'दूध-जलेबी' भी चढ़ाकर उन्हें याद किया गया." बता दें कि किशोर कुमार को दूध-जलेबी का नाश्ता बहुत पसंद था.

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किशोर दा की आखिरी इच्छा- खंडवा में हो अंतिम संस्कार:बॉलीवुड के मशहूर कलाकार किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 में खंडवा में हुआ था, यही कारण है कि वे खंडवा से बहुत लगाव रखते थे. उनकी आखिरी इच्छा थी कि वे खंडवा आकर रहें, लेकिन उनके खंडवा पहुंचने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई, जिसके बाद वे 13 अक्टूबर 1987 को किशोर दा का अंतिम संस्कार खंडवा में ही किया गया था. इसके बाद जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था, उस स्थान पर एक स्मारक बनवाया गया था और उसके पीछे एक प्रतिमा भी स्थापित की गई थी, जिससे उनके प्रशंसक अपने प्रतिष्ठित गायक को सम्मान दे सकें.

ये खबर पीटीआई से ला गई है,ETV Bharatने इसे संपादित नहीं किया है.

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