खंडवा।महिला कैदियों को समाज की मुख्य ध्यारा से जोड़ने के लिए जेल अधीक्षक चतुर्वेदी ने नवाचार किया है. (Female prisoner of Khandwa Jail) वे महिला कैदियों को प्रतिदिन एक घंटे तक पढ़ा रही हैं. उन्हें साक्षर करने में लग गई हैं. गंभीर अपराधों में बंद महिलाओं ने अब अपने हाथो में कलम थाम ली हैं. उन्होंने जीवन को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाया है. उनके हौसलों को पंख देने का काम यहां पदस्थ जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी ने किया है. उनकी वजह से महिला कैदी साक्षर होने की ओर बढ़ रही हैं.
पढ़ने लगीं किताबें:जेल में 725 कैदी हैं. इसमें से महिला कैदियों की संख्या 25 है. इनके लिए महिला बैरक अलग ही बना हुआ है. उनकी यह पहल अब रंग दिखाने लगी है. वे महिला कैदी जो जिन्हें क ख ग का ज्ञान नहीं था. वो अब अपना नाम, परिवार के लोगों का नाम लिखने लगी हैं. अपने घर का पता भी वे अच्छे से लिख लेती हैं. इनमें से कुछ महिला कैदी ऐसी भी हैं जिन्हें. किताब पढ़ना तक आ गया है. वे किताब पढ़ने लग गई हैं. एक तरह से महिला बंदियों को लिखने के साथ ही पढ़ना तक आ गया हैं.