खंडवा।पटाखे के कारोबारी कच्चे बिल पर करोड़ों का व्यापार करते हैं. इंदौर कमिश्नर लोकेश कुमार जाटव के निर्देश पर प्रदेश के 16 शहरों में जीएसटी का सर्वे किया जा रहा है. खंडवा जिले में सर्किल की टीम के ग्यारह सदस्यों ने लगातार तीन दिनों तक शहर में इंदौर रोड पर स्थित केसीसी पटाखा सेंटर में जांच की. कार्रवाई में खंडवा, बुरहानपुर और खरगोन के वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों शामिल हुए. तीन दिन तक अधिकारी और कर्मचारियों ने केसीसी फटाखा गोडाउन में रखे सामान और बिलों की जांच की.जांच में बगैर बिल का ओव्हर स्टाक मिला.
पटाखे का कच्चे बिल पर कारोबार: पटाखा व्यवसाय से जुड़े लोगों के अनुसार यह पूरा कारोबार कच्चे बिल पर होता है, कारोबार से जुड़े लोग टैक्स चोरी करने में भी माहिर हैं. बिना आयकर विभाग के वकील खुद के कच्चे रजिस्टर पर हिसाब-किताब रखते हैं. जीएसटी का सर्वे कर रही टीम के अनुसार पटाखे का कारोबार कच्चे बिल पर होता है. इसलिए व्यापारी टैक्स चोरी करते हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि पटाखे पर एमआरपी बेचने वाली कीमत से 2 से 3 गुना ज्यादा होती है, और पटाखों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है, ऐसे में जीएसटी बहुत ज्यादा हो जाता है. इसी को बचाने के लिए व्यापारी द्वारा टैक्स चोरी की जाती है. यह फर्म पिछले पंद्रह सालों से इसी तरह कच्चे बिल पर पटाखे का कारोबार कर रही है.