खंडवा।अर्ध विक्षिप्त महिला के साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोष सिद्ध होने पर युवक कालू को मंगलवार को दस साल की सजा दी गई. यह फैसला तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सूजरसिंग राठौड़ ने दिया. कालू पर दस साल की सजा के साथ एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. शासन की ओर से मामले की पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी चंद्रशेखर हुक्मलवार ने की.
भाई के सामने किया था महिला से दुष्कर्म
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी मोहम्मद जाहिद खान ने बताया कि अर्ध विक्षिप्त महिला की शादी 10-15 वर्ष पहले उसके माता पिता ने खंडवा में की थी. लेकिन शादी के दुसरे दिन ससुराल वाले उसके विक्षिप्त होने की वजह से उसे मायके छोड़ दिया. जिसके बाद वह लेने नहीं आए. गांव में नदी के उस पार खोली में अर्ध विक्षिप्त महिला रह रही थी. उसका परिवार गांव में रहता था. महिला की देखरेख उसका भाई करता था. वह उसे घर से खाना लाकर देता था.
7 फरवरी 2014 को रात करीब 8:30 बजे भाई अर्ध विक्षिप्त बहन को खाना देने उसकी खोली पर गया था. यहां खोली में बहन के नहीं मिलने पर वह उसे आसपास तलाशने लगा. खोली के पिछे स्थित गोदाम में उसकी बहन के साथ दोषी कालू पुत्र अंबालाल निवासी ग्राम बरखेड़ी दुष्कर्म कर रहा था. जिस पर वह चिल्लाया तो कालू उसे धमका कर वहां से भाग गया. इस मामले में पंधाना पुलिस ने कालू पर दुष्कर्म की धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया था.