खंडवा। देशभर में फैली कोरोना महामारी के कारण किए गए लॉकडाउन के काले बादल भले ही अनलॉक होते ही कारोबारियों के ऊपर से छंट गए हों, लेकिन लॉकडाउन के दौरान कारोबारियों पर पड़े असर के कारण कई व्यापारी अब भी पटरी पर नहीं लौट पाए हैं. ऐसा ही कुछ हाल सराफा व्यापारियों का हैं. इस महामारी ने ज्वेलरी कारोबारियों के चेहरे पर उदासीनता ला दी हैं. जिले के सराफा कारोबारियों ने कोविड -19 के कारण ज्वेलरी व्यवसाय में मंदी को स्वीकारा है.
सराफा कारोबारियों का व्यापार ठप सराफा व्यवसायियों ने बताया कि कोविड-19 महामारी ने लोगों की जिंदगी को बदलकर रख दिया है. अब लोग सबसे पहले बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. ज्वेलरी खरीदने के लिए लोगों के पास इतने पैसे नहीं हैं. इसलिए यह व्यवसाय इस साल काफी मंदा हैं. प्रदेश सराफा एसोसिएशन के सचिव संतोष सराफ ने बताया कि कोरोना महामारी ने दुनिया भर में अपना प्रभाव छोड़ा हैं. और इससे उबरने के लिए काफी लंबा समय लगने वाला है. सभी तरह के व्यवसायियों पर कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने असर किया है. व्यापार, धंधे चौपट हो गए हैं. सराफा भी महामारी की जद में आया है.
कम मात्रा में खरीदे गए आभूषण
बता दें, पिछले 4 महीनों से सराफा की सभी गतिविधियां बंद थी. अनलॉक के बाद से बाजार शुरू हुए हैं. लेकिन शादी-ब्याह बड़े रूप में नहीं होने से आभूषणों की बिक्री उस तरह से नहीं हुई है जो आमतौर पर हर साल हुआ करती थी. इस साल लोगों ने सीमित दायरों में शादी विवाह किए हैं और आभूषणों की खरीदी भी कम मात्रा में हुई हैं.
सराफा व्यापारियों और ग्राहकों के बीच नहीं हुए विवाद
सराफा व्यवसायी आशीष सोनी ने बताया कि ग्राहकों ने लॉकडाउन से पहले ऑर्डर दिए थे और कीमत बढ़ने के बाद भी ग्राहकों को उसी मूल्य पर सामान की डिलीवरी दी गई है. लॉकडाउन के बाद सोने की कीमत में उछाल आने के बाववजूद कोई विवाद नहीं हुए बल्कि आपसी सूझबूझ से ग्राहकों और व्यवसायियों के बीच आभूषणों का व्यापार हुआ है.
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ज्वेलरी व्यवसाय पर कोविड-19 महामारी का प्रकोप खासा दिखाई दिया है. एक और जहां कोरोना महामारी ने देश में तबाही मचा रखी है. वहीं दूसरी ओर सोने की कीमतों में भारी वृद्धि हो गई. फिलहाल कोरोना काल में लोग जिंदगी के संघर्ष में दो वक्त की रोटी को प्राथमिकता दे रहे हैं और ज्वेलरी आभूषणों की खरीदी में बेहद कमी आ गई है.